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November 14, 2025 4:31 am

वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर बिलासपुर में गूंजेगा देशभक्ति का स्वर

चार चरणों में होगा वर्षभर उत्सव, कलेक्टर ने दिए तैयारियों के निर्देश

बिलासपुर।देश के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर बिलासपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में देशभक्ति का माहौल रहेगा। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ शासन का संस्कृति विभाग इस अवसर को ऐतिहासिक रूप से मनाने की तैयारी में जुट गया है। जिला प्रशासन ने कार्यक्रमों की रूपरेखा तय कर दी है।

कलेक्टर आईएएस संजय अग्रवाल ने विभागीय अधिकारियों को तैयारियों के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य वंदे मातरम् के माध्यम से देशभक्ति एकता और सांस्कृतिक गौरव की भावना को जन-जन तक पहुँचाना है।

चार चरणों में होगा आयोजन

संस्कृति विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार यह आयोजन चार चरणों में किया जाएगा —

पहला चरण: 7 से 14 नवम्बर 2025

दूसरा चरण: 19 से 26 जनवरी 2026

तीसरा चरण: 8 से 15 अगस्त 2026

चौथा चरण: 1 से 7 नवम्बर 2026

पहले चरण की शुरुआत 7 नवम्बर 2025 को होगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश सभी जिलों में प्रसारित किया जाएगा और सामूहिक रूप से “वंदे मातरम्” का गायन किया जाएगा।

स्कूलों से लेकर पंचायतों तक गूंजेगा वंदे मातरम्

आयोजन के तहत जनपद और ग्राम पंचायत स्तर पर भी कार्यक्रम होंगे।विद्यालयों, कॉलेजों और सांस्कृतिक संस्थाओं में देशभक्ति गीत नृत्य निबंध वाद-विवाद, चित्रकला पोस्टर निर्माण कवि सम्मेलन और लघु फिल्म प्रदर्शन जैसी प्रतियोगिताएं होंगी।

प्रमुख गायकों और स्थानीय कलाकारों द्वारा वंदे मातरम् के विभिन्न स्वरूपों की प्रस्तुतियाँ भी दी जाएंगी।

ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा,जनभागीदारी को बढ़ाने के लिए

vandemataram150.in पोर्टल शुरू किया गया है, जहाँ नागरिक और विद्यार्थी पंजीकरण कर सकेंगे। पोर्टल पर गीतों और संगीत की रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध रहेगी ताकि सामूहिक गायन में एकरूपता बनी रहे।

संस्कृति विभाग ने कहा है कि यह महोत्सव नागरिकों में राष्ट्रीय चेतना और एकता की भावना को और अधिक सशक्त करेगा।

इतिहास में गूंजता रहा है वंदे मातरम्

महान कवि और उपन्यासकार बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने 7 नवम्बर 1876 को बंगाल के कांतलपाड़ा गांव में वंदे मातरम् की रचना की थी।

यह गीत पहली बार 1896 में कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था।24 जनवरी 1950 को संविधान सभा ने इसे राष्ट्रीय गीत का दर्जा दिया।स्वतंत्रता संग्राम में यह गीत आजादी की पुकार बना। अंग्रेजी शासन के खिलाफ इस गीत ने भारतीयों में अटूट साहस और एकता की भावना जगाई थी।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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