सीएसपी कोतवाली ने कहा जांच पूरी पारदर्शिता निष्पक्षता और विधिसम्मत ढंग से ,किसी भी स्तर पर लापरवाही या पक्षपात की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी
बिलासपुर।गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (GGU) के छात्र अर्सलान अंसारी की संदिग्ध मौत के मामले में शुक्रवार को बिलासपुर पुलिस ने स्पष्ट किया है कि जांच पूरी तरह पारदर्शी, निष्पक्ष और वैज्ञानिक तरीके से की जा रही है। पुलिस ने यह बयान प्रकाशित उस खबर के बाद जारी किया, जिसमें यह दावा किया गया था कि इस गंभीर प्रकरण की जांच एक अनुभवहीन प्रधान आरक्षक द्वारा की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि यह कहना पूरी तरह भ्रामक और तथ्यहीन है कि जांच केवल प्रधान आरक्षक द्वारा की जा रही है। वास्तव में मौत के मामलों में प्रारंभिक औपचारिक कार्यवाही मर्ग पंचनामा थाना स्तर पर प्रधान आरक्षक या सहायक उपनिरीक्षक द्वारा की जाती है यह एक सामान्य सतत प्रक्रिया है।
गौर तलब हो कि थाना कोनी के मर्ग क्रमांक 81/2025 में छात्र अर्सलान अंसारी की मौत पानी में डूबने से हुई थी जो संदेहास्पद पाई गई। इसके बाद पुलिस अधीक्षक आईपीएस रजनेश सिंह ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक पाँच सदस्यीय विशेष जांच टीम गठित की। इस जांच टीम का नेतृत्व सीएसपी आईपीएस गगन कुमार कर रहे हैं।
इस टीम में थाना कोनी प्रभारी निरीक्षक अनंत कुमार साथ ही साइबर सेल और तकनीकी सेल के अधिकारी शामिल हैं। सीएसपी गगन कुमार के निर्देश में टीम द्वारा संगठित एवं वैज्ञानिक पद्धति से जांच की जा रही है।
बिलासपुर पुलिस ने बताया कि टीआई अनंत कुमार के पदभार संभालने से पहले प्रारंभिक मर्ग कार्यवाही प्रधान आरक्षक रमेश पटनायक द्वारा की गई थी जो नियम के अनुरूप थी। टीम गठित होने के बाद अब सभी अधिकारी अपनी निर्धारित भूमिका के अनुसार जांच कर रहे हैं, और दस्तावेजों में हस्ताक्षर भी उसी जिम्मेदारी के अनुसार किए जा रहे हैं।
पुलिस ने मीडिया और जनता से अपील की है कि ऐसे संवेदनशील मामलों में सत्यापन के बिना समाचार प्रकाशित न करें ताकि जांच प्रक्रिया या जनभावना प्रभावित न हो।
सीएसपी कोतवाली आईपीएस गगन कुमार ने कहा
जांच पूरी पारदर्शिता निष्पक्षता और विधिसम्मत ढंग से की जा रही है। किसी भी स्तर पर लापरवाही या पक्षपात की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी।जीजीयू के छात्र की मौत की जांच का नेतृत्व कर रहे टीम के सीएसपी गगन कुमार ने कहा कि जांच के बाद दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा ,जांच पर भरोसा रखें ।उन्होंने जनता एवं मीडिया से भी अपील करते हुए कहा कि ऐसी संवेदनशील जांच से संबंधित समाचार प्रकाशित करने से पूर्व सत्यापन अवश्य करें, ताकि किसी प्रकार की भ्रामक जानकारी से जांच प्रक्रिया या जनता की धारणा प्रभावित न हो।
 
				प्रधान संपादक





 
								 
															
 
		
		
	 
		
		
	 
		
		
	 
		
		
	 
		
		
	 
		
		
	 
		
		
	 
		
		
	 
		
		
	 
		
		
	 
		
		
		 
		
		
		 
		
		
		 
		
		
		 
		
		
		