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October 16, 2025 5:30 pm

वन मंत्री केदार कश्यप ने बिलासपुर में बैठक लेकर की वन विभाग के काम – काज की समीक्षा

इको पर्यटन को बढ़ावा देने विस्तृत कार्ययोजना बनाने दिए निर्देश

तेंदूपत्ता मजदूरी का बकाया भुगतान हर हाल में दीपावली के पूर्व करें : केदार कश्यप

अगले साल 12 लाख पुरुष संग्राहकों को मिलेगा चरण पादुका

बिलासपुर. वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री केदार कश्यप ने इको पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना बनाने को कहा है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर संभाग में देखने,घूमने – फिरने और मनोरंजन के लिए कई आकर्षक केंद्र हैं। इन केन्द्रों तक आसान पहुंच और कुछ बुनियादी सुविधाएं विकसित किए जाएं, तो और बड़ी संख्या में लोग पहुंच सकेंगे। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने के साथ छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी बढ़ेगी। कश्यप आज जिला कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में बिलासपुर वन वृत्त के वरिष्ठ वन अधिकारियों की बैठक लेकर वन विभाग के काम -काज की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में पीसीसीएफ एवं वन बल प्रमुख वी श्रीनिवास राव, प्रबंध संचालक, लघु वनोपज सहकारी संघ अनिल साहू, पीसीसीएफ वन्य प्राणी अरुण पाण्डेय सहित अरण्य भवन के एपीसीसीएफ, सीसीएफ और वृत्त के सभी वन मंडल के डीएफओ उपस्थित थे।
वन मंत्री केदार कश्यप ने लगभग 2 घंटे तकचली बैठक में विभागीय योजनाओं की वनमंडल वार विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने तेंदूपत्ता पारिश्रमिक के बचे हुए 1.70 भुगतान को दीपावली के पहले करने के निर्देश दिए। बैंक खाता की तकनीकी दिक्कतों का निदान कर तत्काल हितग्राही के खाते में भुगतान सुनिश्चित किया जाए। कश्यप ने कहा कि अगले बरस लगभग 12 लाख पुरुष संग्राहकों को चरण पादुका दिया जाएगा। इसके लिए उनके पैर का नाप जोख जल्दी भिजवाएं ताकि खरीदी की प्रक्रिया मुख्यालय स्तर से शुरू की जा सके। मालूम हो कि राज्य शासन ने बंद पड़ी चरण पादुका योजना को फिर से शुरू की है। इस साल लगभग 12 लाख महिला संग्राहकों को चरण पादुका वितरित किया गया है।

वन मंत्री केदार कश्यप ने अचानकमार अभ्यारण में बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि पर खुशी जाहिर की ।बैठक में बताया गया कि शावक मिलाकर बाघों की संख्या पिछले दो-तीन साल में 5 से बढ़कर 18 हो गई है। कश्यप ने कहा कि अचानकमार सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा पर्यटन हब बन सकता है । नजदीक में हवाई, रेल सहित सभी तरह की सुविधा यहां तक पहुंचाने के लिए अनुकूल हैं । उन्होंने अचानक मार से लगे क्षेत्रों में बड़े सेलिब्रिटी बुलाकर कार्यक्रम आयोजित प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए। कश्यप ने कहा की तखतपुर के कोपरा जलाशय को रामसर साइट बनाने के कार्य में तेजी लाया जाए। इसी तरह संभाग के वांक्षेत्रों में औरापानी, खुड़िया, कोटमी सोनार मगरमच्छ पार्क, गोमडॉ अभयारण्य, रामझरना रायगढ़, सत रेंगा कोरबा, बुका पिकनिक स्पॉट कटघोरा आदि अनेक दर्शनीय पर्यटन स्थल हैं, जिन्हें विकसित कर लोगों के लिए और आकर्षण का केंद्र बनाया जा सकता है। वन मंत्री कश्यप ने हाथी मानव द्वंद्व पर कहा की हमें हाथी के साथ रहने की आदत डालना होगा। उन्हें उनके रहवास से दूर अन्यत्र भागना नहीं है । लेकिन यह भी देखना होगा कि वह जन हानि या अन्य किसी तरह की हानि न कर पाए इसके लिए हमें स्वयं ही सचेत रहना पड़ेगा ताकि वे नुकसान ना कर सकें। कटघोरा वन मंडल में हाथी जागरूकता के लिए एआई आधारित ऐप की उपयोगिता की उन्होंने प्रशंसा की।
कश्यप ने कहा की मैदानी क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में आदिवासी लोग रहते हैं। वन विभाग की योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ उन्हें कैसे मिले इसे हमें देखना चाहिए ।उन्होंने वन पट्टा के नामांतरण एवं बटवारा की प्रगति की भी समीक्षा की। संभाग के अंतर्गत इस तरह के 366 आवेदन मिले हैं जिसमें से केवल 84 का निराकरण किया गया है । उन्होंने लंबित सभी 280 प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के निर्देश दिए । कोरबा वन मंडल में ज्यादा संख्या में नामांतरण के प्रकरण लंबित बताए गए। उन्होंने बैठक में ई कुबेर ऐप, किसान वृक्षमित्र योजना, वन भूमि में अतिक्रमण, एक पेड़ मां के नाम सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा की और इनमें तेजी से काम कर लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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