बिलासपुर। बैंक से सीज हुई कार को सस्ते दाम पर दिलाने का झांसा देकर एक व्यवसायी से करीब एक लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित ने इसकी शिकायत चकरभाठा थाने में की, लेकिन एक माह बीतने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं होने पर उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
चकरभाठा निवासी व्यवसायी अमित दीक्षित ने बताया कि अप्रैल में उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को इमलीपारा निवासी सारांश शर्मा बताया। उसने दावा किया कि बैंक की सीज की गई कारें वह ऑक्शन में सस्ते दामों पर दिला सकता है। इस पर भरोसा करते हुए अमित ने बुकिंग के नाम पर उसके बताए खाते में 50 हजार रुपये जमा कर दिए। कुछ दिन बाद भी कार नहीं मिली तो जब उन्होंने संपर्क किया, तो आरोपी ने दूसरी कार का फोटो भेजकर उसे पांच लाख में उपलब्ध कराने की बात कही। इसके लिए 30 हजार और बुकिंग अमाउंट मांगा गया। अमित ने यह रकम भी ट्रांसफर कर दी। इसके बाद नाम ट्रांसफर और आरटीओ खर्च के नाम पर और पैसे मांगे गए। इस तरह सस्ते में कार मिलने की उम्मीद में अमित ने करीब एक लाख रुपये जालसाजों को दे दिए, लेकिन कार नहीं मिली। दबाव बनाने पर आरोपी टालमटोल करते रहे और बाद में फोन भी उठाना बंद कर दिया। पीड़ित ने चार अगस्त को इस पूरे मामले की लिखित शिकायत चकरभाठा थाने में की। उनका आरोप है कि शिकायत दर्ज होने के बावजूद पुलिस केवल जांच का आश्वासन देती रही। शिकायत के पंद्रह दिन बाद उन्होंने थाना प्रभारी उत्तम साहू से भी मुलाकात की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने डीएसपी डीआर टंडन को मामले से अवगत कराया, फिर भी अब तक अपराध दर्ज नहीं किया गया है।


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