बिलासपुर। रतनपुर में बिखमा तालाब किनारे स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर अचानक ढह गया। मलबे में से शिवलिंग और जलहरि गायब होने की खबर से नगरवासियों में हड़कंप मच गया। हालांकि बाद में मलबे को हटाने पर सांप के साए में शिवलिंग और जलहरि सुरक्षित मिलने से लोगों ने इसे चमत्कारिक घटना बताया।

मिली जानकारी के अनुसार रतनपुर निवासी चावल व्यवसायी विजय अग्रवाल की बहन ने मंदिर के जिर्णोद्धार का संकल्प लिया था। उन्होंने इसकी सूचना पूर्व पार्षद शिवमोहन बघेल को दी। इसके बाद पार्षद ने इस जानकारी को सोशल मीडिया पर साझा किया। जिर्णोद्धार की चर्चा सार्वजनिक होने के दो दिन बाद ही मंदिर अचानक मलबे में तब्दील हो गया। स्थानीय लोगों ने इसे जिर्णोद्धार की प्रक्रिया समझा। लेकिन जब व्यवसायी से पूछा गया तो उन्होंने मंदिर ढहाने से इन्कार कर दिया। इस बीच पार्षद की पहल पर मंदिर का मलबा हटवाया गया। इस दौरान शिवलिंग और जलहरि गायब पाए गए। यह खबर नगर में तेजी से फैल गई और तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं। लोग इसे रहस्यमय घटना मानने लगे। सोमवार सुबह जब पुनः मलबा हटाया गया तो चौंकाने वाला दृश्य सामने आया। मलबे के बीच सांपों के साए में शिवलिंग और जलहरि सुरक्षित स्थिति में मिले। बताया गया कि जेसीबी से मलबा हटाने का काम चल रहा था। तभी एक-एक कर कई सांप बाहर निकल आए। यह देख जेसीबी ऑपरेटर घबरा गया और काम रोक दिया। इसके बाद से लोग इसे आस्था और अद्भुत शक्ति से जोड़कर देख रहे हैं।
राजा विक्रमादित्य ने कराया था मंदिर का निर्माण
बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण राजा विक्रमादित्य ने कराया था। बिखमा तालाब जिसे छप्पन एकड़ तालाब कहा जाता है, उसके आसपास कई प्राचीन मंदिर और समाधियां आज भी मौजूद हैं। मंदिर ढहने और शिवलिंग-जलहरि सुरक्षित मिलने की इस घटना से रतनपुर क्षेत्र में धार्मिक माहौल बन गया है।

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