बिलासपुर। रेंज के सभी थानों में महिला और बच्चों से संबंधित अपराधों की जांच को प्राथमिकता दी जाए और इन मामलों में त्वरित, विधिसम्मत कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। यह निर्देश बिलासपुर रेंज के पुलिस आईजी डॉ. संजीव शुक्ला ने बुधवार को आयोजित अपराध समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में बिलासपुर रेंज के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों ने भाग लिया।

आईजी आफिस में आयोजित बैठक में वर्ष 2023 से 2025 की पहली छमाही तक के अपराध आंकड़ों की समीक्षा की गई। साथ ही विवेचना की स्थिति, लंबित प्रकरण, गंभीर अपराध, एनडीपीएस एक्ट, अवैध संपत्ति की जब्ती, समंस-वारंट की तामीली सहित अन्य अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
आईजी ने निर्देश दिए कि हत्या, बलात्कार, अपहरण जैसे गंभीर अपराधों के लंबित मामलों की साप्ताहिक निगरानी की जाए और समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित किया जाए। जिन मामलों में अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है, उनमें विशेष टीमें बनाकर शीघ्र कार्रवाई की जाए। एनडीपीएस एक्ट के मामलों में आरोपियों की संपत्ति की जांच कर उसे जब्त करने की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए गए। सीमावर्ती क्षेत्रों में सघन चेकिंग, मुखबिर तंत्र को मजबूत करने और अवैध मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए ठोस रणनीति अपनाने पर बल दिया गया। आईजी डॉ. शुक्ला ने कहा कि विवेचना की गुणवत्ता सुधारने के लिए पुलिसकर्मियों को समय-समय पर विधिक प्रशिक्षण दिया जाए और बेसिक पुलिसिंग पर फोकस करते हुए आगामी महीनों के लिए स्पष्ट लक्ष्य तय किए जाएं। थानों के लंबित मामलों की प्रतिदिन समीक्षा कर विवेचकों को दिशा-निर्देश देने की जिम्मेदारी पर्यवेक्षण अधिकारियों की होगी। बैठक में एसएसपी रजनेश सिंह, एसपी मुंगेली भोजराम पटेल, एसपी रायगढ़ दिव्यांग पटेल, एसपी कोरबा सिद्धार्थ तिवारी, एसपी सारंगढ़-बिलाईगढ़ अंजनेय वार्ष्णेय, एसपी सक्ती अंकिता शर्मा, एसपी जांजगीर-चांपा विजय पांडेय व एसपी जीपीएम सुरजन राम भगत, एएसपी मधुलिका सिंह उपस्थित रहे।
जवानों में अनुशासन बनाए रखने पर दिया जोर
बैठक के दौरान आइजी ने कहा कि पुलिस बल में अनुशासन सर्वोपरि है। अनुशासनहीनता पर त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए। सीएसपी व एसडीओपी को नियमित टास्क देकर उनकी जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। साथ ही थानों में पदस्थ जवानों के कार्य की भी नियमित समीक्षा आवश्यक है।

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