बिलासपुर। नेशनल हाईवे जामकर रील बनाने वाले रसूखदारों की हरकत को लेकर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है। स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। राज्य सरकार से डिवीजन बेंच ने पूछा कि अन्य मामलों की तरह इन रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाई करने में नरमी क्यों बरती गई। इनकी गाड़ियां जब्त क्यों की गई। नाराज चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने पूछा है कि इस मामले में मोटर व्हीकल एक्ट के अलावा अन्य धाराएं दर्ज क्यों नहीं की गई? सरकार से इस मामले में जवाब मांगा गया है। न
स्वत: संज्ञान वाली जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। एनएच को जाम कर इस तरह की हरकत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई में नरमी बरतने पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताई। कोर्ट ने पूछा कि गाड़ियों की जब्ती क्यों नहीं बनाई गई। चीफ जस्टिस ने कहा कि पुलिस दूसरे मामलों में तो गाड़ियों को थाना कैम्पस में खड़ा करा लेती है,जब्ती भी बनाती है। इस प्रकरण में यह सब क्यों नहीं किया गया। कोर्ट ने इस बात को लेकर भी नाराजगी जताई कि मोटर व्हीकल एक्ट की और धाराएं क्यों नहीं जोड़ी गई। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर पूछा कि इस मामले में कार्रवाई करने में पुलिस ने क्यों नरमी दिखाई। पूरे मामले की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश डिवीजन बेंच ने दिया है।

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