बिलासपुर। सड़कों पर त्योहारी सीजन में बिना अनुमति के पंडाल और स्वागत द्वार इत्यादि लगाने को लेकर दायर की गई याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में हुई। राज्य शासन की ओर से कोर्ट से अतिरिक्त समय की मांग करते हुए बताया कि नई गाइड लाइन के लिए अभी और वक्त लगेगा। विभिन्न विभागों के सहयोग से इस तैयार किया जा रहा है। राज्य शासन की मांग को स्वीकार करते हुए डिवीजन बेंच ने तब तक पुरानी व्यवस्था और निर्देशों का पालन करने कहा है। जब तक नई गाइडलाइंस नहीं आ जाती तब तक वर्तमान में जारी गाइड लाइन के अनुसार अनुमति लेनी होगी।
छत्तीसगढ़ शासन गृह (पुलिस) विभाग द्वारा 22 अप्रैल 2022 को जारी किए गए आदेश के अनुसार विभिन्न संस्थाओं संगठनों के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि आयोजन के पूर्व जिला प्रशासन की पूर्व अनुमति अनिवार्य रूप से प्राप्त करें, जिससे आम नागरिकों के आवागमन, बाजार व्यवस्था एवं सुरक्षा के उपाय करने तथा सुचारू रूप से प्रशासनिक व्यवस्था बनाई जा सके। आदेश में विविध/ निजी/ सार्वजनिक/ धार्मिक/ राजनीतिक/ अन्य संगठन अथवा संस्थाओं के द्वारा विभिन्न आयोजन, यथा धरना, जुलूस, रैली, प्रदर्शन, भूख हड़ताल, सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक आदि आयोजन जिसमें भीड़ आती हो उसके लिए कलेक्टर की अनुमति अनिवार्य है जिसके तहत निर्धारित प्रारूप में आवेदन कर घोषणा पत्र देना होगा।
रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने अपनी याचिका में कहा है कि त्योहारी सीजन के दौरान पूरे शहर में अव्यवस्था फैली रहती है। रायपुर की सकरी सडकों में, जहां पार्किंग की भी जगह नहीं मिलती, सड़क जाम कर, बिना अनुमति के विभिन्न आयोजन करे जाते हैं, जिससे आम नागरिकों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।

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