मनेंद्रगढ़(प्रशांत तिवारी)शासकीय उच्च माध्यमिक विद्याल बेलबहरा में आज एक महत्वपूर्ण पहल के तहत विशेष कंप्यूटर प्रशिक्षण कोर्स का भव्य शुभारंभ हुआ। इस अभिनव कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को आधुनिक तकनीकी शिक्षा से जोड़कर उन्हें डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है, जिससे वे आज के प्रतिस्पर्धी युग में कदम से कदम मिलाकर चल सकें।
तीन माह का व्यावहारिक प्रशिक्षण
यह तीन माह का विशेष कोर्स छात्रों को कंप्यूटर की मूलभूत जानकारी प्रदान करेगा। इसमें एमएस ऑफिस, टाइपिंग, इंटरनेट का उपयोग, प्रेजेंटेशन स्किल्स जैसे विषयों को अत्यंत व्यावहारिक तरीके से सिखाया जाएगा। कार्यक्रम के पहले ही दिन छात्रों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला, जहाँ 50 से अधिक छात्रों ने इस प्रशिक्षण में भाग लेकर अपनी तकनीकी शिक्षा के प्रति उत्सुकता जाहिर की।
प्राचार्य बलराज सिंह के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण कदम
इस योजना को धरातल पर उतारने में विद्यालय के प्राचार्य बलराज सिंह का सक्रिय सहयोग और प्रेरणा सर्वोपरि रही। कार्यक्रम के शुभारंभ पर छात्रों को संबोधित करते हुए श्री बलराज सिंह ने कहा, कि आज के दौर में कंप्यूटर और तकनीक का ज्ञान हर क्षेत्र में अपरिहार्य है। हमारा दृढ़ प्रयास है कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हों।
मारवाड़ी युवा मंच, मनेंद्रगढ़ का विशेष योगदान
इस दूरगामी पहल को संभव बनाने में मारवाड़ी युवा मंच, मनेंद्रगढ़ का विशेष योगदान रहा है। मंच के समाजसेवी दृष्टिकोण और समर्पण से ही यह प्रशिक्षण कोर्स साकार हो सका। इस अवसर पर मंच के प्रतिनिधियों ने बच्चों को तकनीकी शिक्षा के महत्व के बारे में विस्तार से बताया और उन्हें प्रेरित किया कि वे इस सुनहरे अवसर का भरपूर लाभ उठाएं।
मंच के जिन सदस्यों ने इस पुनीत कार्य में अपना सहयोग दिया, उनमें मनीष गोयल, रोहित गोयल, सार्थक अग्रवाल, निखिल अग्रवाल, कृष गोयल, प्रतीक गोयल, रोहन फरमानिया, सीए आकाश अग्रवाल, आदर्श अग्रवाल, दीपक गोयल, मयंक गोयल, संतोष सिंघल, और राहुल अग्रवाल प्रमुख हैं।
विद्यालय प्रबंधन और मारवाड़ी युवा मंच मनेंद्रगढ़ दोनों का मानना है कि यह कंप्यूटर कोर्स न केवल छात्रों की शैक्षिक दिशा को मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि समाज के समग्र विकास में भी मील का पत्थर साबित होगा। इस पहल को क्षेत्र में व्यापक सराहना मिल रही है और यह अन्य विद्यालयों को भी इसी तरह की उपयोगी योजनाओं को लागू करने के लिए प्रेरित कर रही है।

प्रधान संपादक