जनता की जेब पर डाका, डेढ़ साल में चौथी बार बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं पर गिराई बिजली
रायपुर। राज्य में भाजपा की सरकार बनने के महज डेढ़ साल के भीतर चौथी मर्तबे है जब बिजली बिल में बढ़ोतरी की गई है। बिजली की दरों में बढ़ोतरी के बीच बिजली आपूर्ति व्यवस्था का हाल देखें तो लोगों की परेशानी कुछ ज्यादा ही बढ़ी है। सुविधा के नाम पर फिसड्डी साबित हो रही बिजली कंपनी ने एक बार फिर बिजली की दर में बढ़ोतरी कर लोगों की परेशानी बढ़ाने का ही काम किया है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार लगातार बिजली दरों में वृद्धि कर लोगों को आर्थिक रूप से लूट रही है।
कांग्रेस के अनुसार, घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट 10 से 20 पैसे की बढ़ोतरी कर दी गई है, जबकि कृषि पंपों के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट की दर से वृद्धि की गई है। इससे किसानों और छोटे व्यवसायियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। वर्ष 2023-24 में दर 6.22 थी, जिसे वर्तमान में बढ़ाकर 7.02 रुपये प्रति यूनिट कर दिया गया है।
कांग्रेस सरकार के समय (2018-2023) में बिजली दरों में सिर्फ 2 पैसे की वृद्धि हुई थी, जबकि भाजपा सरकार ने मात्र डेढ़ वर्ष में 80 पैसे की बढ़ोतरी कर दी है, जो कि लगभग 13 प्रतिशत वृद्धि है। भाजपा के शासन काल में कुल 94 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती उनकी सरकार ने “बिजली बिल हाफ” योजना के तहत 65 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को 3240 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी थी। किसानों को 5 एचपी तक की मुफ्त बिजली और बीपीएल उपभोक्ताओं को 40 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाती थी। भाजपा सरकार आने के बाद इन राहत योजनाओं को कमजोर कर दिया गया है और सब्सिडी को खत्म कर लगातार दरें बढ़ाई जा रही है।
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि कोयला, पानी और जमीन राज्य की हैं, फिर भी महंगी दरों पर बिजली बेची जा रही है। साथ ही भाजपा नेताओं, अधिकारियों और कर्मचारियों पर सरकारी विभागों में बिजली बिल वसूली में लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। स्मार्ट मीटर लगाने की योजना को भी कांग्रेस ने जनता की जेब पर नया हमला बताया है।
उद्योगपतियों को भी बिजली की बढ़ती दरों का सामना करना पड़ रहा है। रेल भाड़े और डीजल की लागत पहले से ही बढ़ी हुई है, जिससे उत्पादन लागत पहले ही अधिक है। अब बिजली दरों की वृद्धि उद्योगों के लिए अतिरिक्त बोझ बन गई है।
प्रदेशव्यापी आंदोलन का ऐलान
कांग्रेस ने घोषणा की है कि भाजपा सरकार के इस अन्यायपूर्ण फैसले के खिलाफ वह पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगी। उनयह फैसला जनविरोधी है और इसका व्यापक विरोध किया जाएगा।

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