रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान आज प्रश्नकाल में विकास कार्यों, जल जीवन मिशन की प्रगति और श्रमिक हितों से जुड़े मुद्दों पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। सदस्यों ने कई गंभीर प्रश्न उठाए जिन पर मंत्रियों ने जवाब भी दिए।
CSR फंड में कटौती को लेकर सवाल
किरण सिंह देव ने सवाल उठाया कि दो सालों में किसी तरह की कोई राशि जारी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि पहले एनएमडीसी द्वारा विकास कार्यों के लिए 5% राशि दी जाती थी, जो अब घटकर 2.5% हो गई है।
लखनलाल देवांगन ने जवाब में कहा कि विकास कार्यों के लिए CSR मद की राशि समय-समय पर भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार खर्च की जाती है।
जल जीवन मिशन की प्रगति पर तीखी बहस
भूपेश बघेल ने सवाल किया कि जल जीवन मिशन के तहत 2022-23-24-25 में कितनी राशि खर्च की गई और कितने घरों तक जल आपूर्ति पहुंची है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई जिलों में बहुत कम राशि दी गई, और धरातल पर नलों में पानी आ भी रहा है या नहीं, यह बड़ा सवाल है।
अरुण साव ने जवाब में बताया कि अब तक 15 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। योजना 2024 में पूरी होनी थी, लेकिन तय समय पर नहीं हो पाई। उन्होंने बताया कि 12,316 अतिरिक्त नलकूप खोदे गए हैं और 19,000 से ज्यादा गांवों में नल से जल पहुंचाने का काम जारी है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान दिए गए 36 लाख नल कनेक्शन में से वेरिफिकेशन के बाद केवल 21 लाख में ही पानी पहुंच रहा है।
फर्जी दस्तावेज़ और अनुबंध रद्द करने की मांग
धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाया कि कुछ संस्थाओं ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर काम प्राप्त किया।
अरुण साव ने जवाब में बताया कि उच्चस्तरीय जांच समिति की अनुशंसा पर जल जीवन मिशन के अंतर्गत 12 अनुबंध रद्द किए गए हैं और मुख्य एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है।
श्रमिक हितों पर सवाल
अनुज शर्मा ने पूछा कि धरसीवां क्षेत्र की जायसवाल निको इंडस्ट्री की जांच की गई है या नहीं। उन्होंने जांच समिति बनाने की मांग की।
लखनलाल देवांगन ने जवाब में कहा कि श्रमिकों के हित में सरकार काम कर रही है। किसी फैक्ट्री में कमी मिलने पर सुधार का समय दिया जाता है, लेकिन गंभीर मामले को लेकर लिखित में देने पर जांच की जाएगी।
RKM में स्थानीय कर्मचारियों की संख्या का खुलासा
रामकुमार यादव ने पूछा कि RKM में छत्तीसगढ़ के कितने कुशल और अकुशल कर्मचारी कार्यरत हैं।
लखनलाल देवांगन ने जानकारी दी कि कंपनी में कुल 1984 कर्मचारी हैं, जिनमें 1200 से ज्यादा कर्मचारी छत्तीसगढ़ से हैं।

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