रणनीति, नेतृत्व और जनविश्वास के संग -छत्तीसगढ़ में नई दिशा देते मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
रायपुर। आगामी अक्टूबर और नवंबर महीनों में छत्तीसगढ़ देश के राजनीतिक और प्रशासनिक कैलेंडर के केंद्र में रहेगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरों के साथ-साथ नवा रायपुर में पहली बार आयोजित होने जा रहे डीजीपी सम्मेलन से राज्य राष्ट्रीय फलक पर छा जाएगा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इन आयोजनों के माध्यम से एक बड़े रणनीतिकार के रूप में उभरकर सामने आए हैं। राज्य में पहली बार 28 से 30 नवंबर तक होने वाले डीजीपी कांफ्रेंस में देश के सभी राज्यों के पुलिस प्रमुख और केंद्रीय सुरक्षा बलों के प्रमुख शामिल होंगे। सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समापन सत्र में दो दिन तक मौजूद रहेंगे।
इस कांफ्रेंस में सीमा प्रबंधन आंतरिक और साइबर सुरक्षा के साथ नक्सल ऑपरेशन की समीक्षा की जाएगी। माना जा रहा है कि सम्मेलन के बाद राज्य में नक्सल विरोधी अभियान और अधिक धारदार होगा। अगर नक्सली समस्या के समाधान की दिशा में कोई ठोस सफलता मिलती है तो इसका श्रेय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व को दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ इस वर्ष अपनी स्थापना का रजत जयंती वर्ष 2025 मना रहा है। इस अवसर पर पांच दिन का राज्योत्सव आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर को करेंगे और एक नवंबर को समापन के बाद रवाना होंगे। राज्योत्सव का समापन पांच नवंबर को उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन करेंगे।
इसके अलावा 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस पर रायपुर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आगमन के साथ एक बड़ा कार्यक्रम प्रस्तावित है।
लगातार एक महीने तक देश के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी से छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय चर्चा में रहेगा। वहीं, इन आयोजनों के सूत्रधार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय राजनीतिक रूप से और अधिक मजबूती के साथ उभरते दिख रहे हैं।

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