बिलासपुर। सरकारी नौकरी का झांसा देकर जालसाजों ने हेमूनगर में रहने वाली युवती समेत छह लोगों से 50 लाख रुपये की ठगी कर ली। पीड़ितों ने यह रकम जेवर और जमीन बेचकर, कर्ज लेकर और रिश्तेदारों की मदद से जुटाई थी। करीब एक साल तक टालमटोल करने के बाद उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिए गए। मामले की शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

हेमूनगर निवासी मोनिषा सिंह ने थाने में शिकायत दी है कि उनकी पहचान सुरेश साहू और खिलेश्वरी साहू के माध्यम से दुर्ग की प्रिया देशमुख और अंबिकापुर के रजत गुप्ता से हुई थी। प्रिया ने खुद को स्वास्थ्य विभाग की कर्मचारी बताया, जबकि रजत ने बताया कि वह सीएम हाउस में पदस्थ है। इन दोनों ने मोनिषा और उसके परिचित संतोष कुमार, गौतम बाई, आकाश शर्मा, ज्योतिष और श्यामादेवी को प्रयोगशाला परिचारक, भृत्य और सीएसईबी में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। झांसे में आकर सभी ने 25 अक्टूबर 2023 से 21 सितंबर 2024 के बीच चंदेला नगर, रजिस्ट्री ऑफिस, तितली चौक, गांधी चौक और दुर्ग में अलग-अलग स्थानों पर नगद और खाते के माध्यम से रुपये दिए। जब लंबे समय तक नौकरी नहीं मिली और लगातार बहानेबाजी होती रही, तब उन्होंने दबाव बनाया, जिसके बाद आरोपियों ने फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिए। जब पीड़ित नियुक्ति पत्र लेकर संबंधित कार्यालयों में पहुंचे तो ठगी का पर्दाफाश हुआ। इसके बाद मोनिषा ने सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।

प्रधान संपादक