बिलासपुर। भारत, एक शांतिप्रिय राष्ट्र होते हुए भी जब-जब राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा मंडराया है, तब-तब उसने कठोर और निर्णायक कदम उठाए हैं। खुफिया एजेंसियों से प्राप्त विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर की गई हालिया सर्जिकल स्ट्राइक इसका प्रमाण है। एलओसी के पार आतंकवादियों के ठिकानों को लक्ष्य बनाकर की गई यह कार्रवाई न केवल सुनियोजित सैन्य अभियान थी, बल्कि यह भारत की ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति का भी प्रतीक है।

समाजसेवी चंचल सलूजा का कहना है कि स्वभावतः नरमपंथी होने के बावजूद भारत जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है, तो सर्जिकल स्ट्राइक और गुप्त ऑपरेशनों जैसे कठोर निर्णय लेने से नहीं हिचकता। कश्मीर में हुए आतंकी हमले से पूरे देश में आक्रोश था, और आज हमारे वीर जवानों ने आतंकवादियों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमला कर उसका मुँहतोड़ जवाब दिया है। यह सिर्फ बदला नहीं, बल्कि देश के लिए समर्पण और शौर्य का प्रतीक है। सैनिक हमारी शान हैं – उनकी बहादुरी हर भारतवासी के लिए प्रेरणा है। हम उन्हें बारंबार प्रणाम करते हैं।

एक नया सवेरा वेलफेयर फाउंडेशन की अध्यक्ष पायल शब्द लाठ कहतीं है कि सर्जिकल स्ट्राइक आतंकवाद के विरुद्ध एक प्रभावी और निर्णायक कदम है। इससे न केवल आतंकवादी संगठनों में भय व्याप्त होता है, बल्कि यह भारत की सैन्य क्षमता, सुरक्षा प्रतिबद्धता और अंतर्राष्ट्रीय छवि को भी सुदृढ़ करता है। यह कार्यवाही पाकिस्तान को भी स्पष्ट संकेत देती है कि भारत अपनी संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। इससे नागरिकों में सुरक्षा की भावना भी गहरी होती है।

बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, महिला मोर्चा की किरण सिंह कहती हैं भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई यह सर्जिकल स्ट्राइक हम सभी भारतीयों के लिए गर्व का विषय है। हमें अपनी सेना, केंद्र सरकार और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी पर गर्व है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ उन सभी शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने कश्मीर में आतंकी हमले में अपने प्राणों की आहुति दी।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन