बिलासपुर। अपोलो अस्पताल में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पं. राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की इलाज के दौरान हुई मौत के मामले में गिरफ्तार डाॅक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव से रविवार को एसएसपी रजनेश सिंह ने करीब तीन घंटे तक पूछताछ की। पूछताछ के दौरान डाॅक्टर ने डिग्री संबंधी सवालों के जवाब दिए, लेकिन स्पेशलिस्ट डिग्री को लेकर वह गोलमोल जवाब देता रहा। पुलिस अब उसके द्वारा बताए गए संस्थान से डिग्री की पुष्टि करेगी।

गौरतलब है कि वर्ष 2006 में पं. शुक्ल की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अपोलो अस्पताल लाया गया था। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। तब यह मामला शांत हो गया था, लेकिन हाल ही में दमोह स्थित मिशन अस्पताल में इलाज के दौरान कई मरीजों की मौत के बाद डाॅक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव पर फर्जी डिग्री से इलाज करने का आरोप सामने आया। जांच में उसकी डिग्री फर्जी पाई गई।
इस खुलासे के बाद पं. शुक्ल के पुत्र ने सरकंडा थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें कहा गया कि जिस डाॅक्टर ने उनके पिता का इलाज किया था, वह फर्जी डिग्रीधारी निकला। शिकायत के आधार पर पुलिस ने डाॅक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे दमोह जेल से गिरफ्तार किया और कोर्ट की अनुमति से रिमांड पर लिया गया।
रविवार को एसएसपी रजनेश सिंह स्वयं सरकंडा थाना पहुंचे और डाॅक्टर से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान डाॅक्टर ने पुलिस को सहयोग करने का आश्वासन दिया और कहा कि वह जांच में हर जरूरी जानकारी देगा। पुलिस अब उसके बताए संस्थान से डिग्री की सच्चाई खंगालेगी।
सोमवार को न्यायालय में पेशी
सरकंडा पुलिस आरोपी डाॅक्टर को सोमवार को न्यायालय में पेश करेगी। रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई के लिए न्यायालय से दिशा-निर्देश प्राप्त करेगी। मामले में अभी और खुलासे की संभावना है।
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