सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलवाद के खिलाफ एक और सफलता हासिल मिली है। पुलिस और सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों और पुनर्वास नीति के तहत जिले में कुल 22 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें 60 लाख से अधिक के इनामी माओवादी शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों ने मुख्यधारा से जुड़ने और शांतिपूर्ण जीवन जीने का संकल्प लिया है।

जिला मुख्यालय सुकमा में 18 अप्रैल को एसपी सुकमा, उप पुलिस महानिरीक्षक सुकमा, कमांडेंट 226वीं वाहिनी सीआरपीएफ, द्वितीय कमान अधिकारी दूसरी वाहनी और 131वीं वाहिनी सीआरपीएफ के समक्ष इन माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। पुलिस अधिकारियों ने आत्मसमर्पण की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से स्वीकार किया और सभी नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत लाभ प्रदान करने का आश्वासन दिया।
विकास कार्यों से हुए प्रभावित

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों ने लगातार चल रहे विकास कार्यों और पुलिस के पुनर्वास प्रयासों को देखकर प्रभावित होकर हिंसा का रास्ता छोड़ने का निर्णय लिया। इन माओवादियों ने बताया कि वे संगठन में शोषण और मनमानी से परेशान थे और अब सामान्य जीवन जीना चाहते हैं। पुलिस अधीक्षक सुकमा ने कहा कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति माओवादियों को मुख्यधारा से जोड़ने में कारगर साबित हो रही है। आत्मसमर्पण करने वालों को पुनर्वास नीति के तहत आर्थिक सहायता, रोजगार प्रशिक्षण और सामाजिक पुनर्स्थापन की सुविधा दी जाएगी।
आत्म समपर्ण करने वाले नक्सली
मुचाकी जोगा – पीएलजीए कंपनी नंबर 01, प्लाटून नंबर 01 का डिप्टी कमांडर-सीवायपीसीएम, इनामी आठ लाख रुपये
मुचाकी जोगी – कंपनी नंबर 01 के प्लाटून सदस्य-पीपीसीएम, इनामी आठ लाख रुपये
किकिड देवे – नुवापाड़ा डिवीजन, सीतानदी एरिया कमेटी सदस्या-एसीएम, इनामी पांच लाख रुपये
मनोज उर्फ दूधी बुधरा – माड़ डिवीजन डीके प्रेस टीम सदस्य-एसीएम, इनामी पांच लाख रुपये
माड़वी भीमा – डीएकेएमएस अध्यक्ष, इनामी दो लाख रुपये
माड़वी सोमड़ी – केएमएस अध्यक्ष, इनामी दो लाख रुपये
संगीता उर्फ हड़मे – एलओएस पार्टी सदस्या, इनामी दो लाख रुपये
माड़वी कोसी – सीएनएम अध्यक्षा, इनामी दो लाख रुपये
वंजाम सन्नी – सीएनएम अध्यक्षा, इनामी दो लाख रुपये
माड़वी मंगली – केएमएस अध्यक्षा, इनामी दो लाख रुपये
ताताबंडी – मिलिशिया कमांडर, इनामी दो लाख रुपये
इनके अलावा 11 अन्य सक्रिय माओवादियों ने भी आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वालों में महिलाएं भी शामिल हैं, जो विभिन्न नक्सली संगठनों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा रही थीं।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन