बिलासपुर। तोरवा क्षेत्र की कीमती जमीन को हथियाने भू-माफिया ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे एक महिला को असली जमीन मालिक बनाकर खड़ा कर सीमांकन करा लिया। असल भू-स्वामी की शिकायत पर तोरवा पुलिस ने मामले में धोखाधड़ी और कूटरचना का मामला दर्ज किया है।

मामला तोरवा स्थित पेंडलवार नर्सिंग होम के पास की जमीन से जुड़ा है, जहां रहने वाली मीना गंगवानी (50) एक गृहिणी हैं। उनके पति के निधन के बाद खसरा नंबर 445 में स्थित 8.90 डिसमिल जमीन उनके नाम पर दर्ज है। मीना गंगवानी के अनुसार, इस जमीन को लेकर उनके पति के जीवनकाल में अशोक उबरानी से विवाद चल रहा था। अशोक ने अपनी जमीन की देखरेख के लिए डूलाराम मोटवानी को पावर ऑफ अटॉर्नी दी थी।
तब से डूलाराम मीना और उनके परिवार पर जमीन खाली करने का दबाव बना रहा है। मीना का आरोप है कि डूलाराम ने उनकी जमीन पर बनी बाउंड्रीवाल को तोड़ दिया और बाद में फर्जी कागजात बनाकर 10 मार्च 2022 को एक अन्य महिला को मीना गंगवानी के नाम से तहसील में खड़ा किया। इस महिला के माध्यम से जमीन का सीमांकन करा लिया गया और सीमांकन रिपोर्ट अपने पक्ष में तैयार करवा ली।
इतना ही नहीं, इसके बाद डूलाराम ने न्यायालय में कब्जा दिलाने के लिए आवेदन भी दे दिया। जब मीना गंगवानी को इस फर्जीवाड़े की जानकारी हुई तो उन्होंने तत्काल तोरवा थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के बाद भू-माफिया नरेंद्र मोटवानी, डूलाराम मोटवानी सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ कूटरचना और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
पीड़िता ने यह भी बताया कि नरेंद्र मोटवानी के खिलाफ पहले से भी गंभीर आरोप दर्ज हैं। दो साल पहले उनके नाबालिग बेटे ने आरोप लगाया था कि नरेंद्र ने उसे अगवा कर लिया था और मीना को बंधक बनाकर पिटाई की थी। इस मामले में आदतन बदमाश ऋषभ पनिकर भी शामिल था। तब पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया था और मामला फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है।
पीड़िता का कहना है कि जमीन पर कब्जे की नीयत से लगातार उनके परिवार को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन