Explore

Search

April 19, 2025 7:10 am

ईडब्ल्यूएस के बच्चों को भी मिलेगा आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने का मौका

बिलासपुर। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के बच्चों को शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत निश्शुल्क शिक्षा देने के मामले में पेश जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। बिलासपुर हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार को इस मुद्दे पर छह महीने के भीतर एक स्पष्ट नीति बनाने के निर्देश दिया है।
सीवी भगवंत राव ने अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में 6 से 14 वर्ष के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में भी निशुल्क शिक्षा देने की मांग की गई थी। उन्होंने तर्क दिया कि शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के तहत इन बच्चों को भी समान अवसर मिलना चाहिए और राज्य सरकार को इस पर स्पष्ट नीति बनानी चाहिए।

इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई। डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि राज्य सरकार के पास इस विषय पर कोई ठोस रोडमैप नहीं है, जिससे कमजोर वर्ग के बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जल्द से जल्द इस विषय पर एक मजबूत नीति तैयार करे, जिससे संविधान के अनुच्छेद 21ए में निहित शिक्षा के अधिकार कानून को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।

डिवीजन बेंच ने आदेश जारी करते हुए राज्य सरकार को छह माह के भीतर इस विषय पर नीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि यह नीति आरटीई अधिनियम की भावना और उद्देश्यों के अनुरूप होनी चाहिए ताकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को भी समान शैक्षिक अवसर मिल सकें। इस फैसले के साथ ही हाई कोर्ट ने जनहित याचिका को निराकृत कर दिया है।

Ravi Shukla
Author: Ravi Shukla

Editor in chief

crime news

BILASPUR NEWS