नाथ ईस्ट इंस्टीट्यूट ऑडिटोरियम, फुटबॉल ग्राउंड, में होगा आयोजित समारोह
बिलासपुर। भूमिहार ब्राह्मण समाज, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ द्वारा आगामी 23 मार्च 2025, रविवार को पारिवारिक होली मिलन एवं सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम शाम 5:30 बजे नाथ ईस्ट इंस्टीट्यूट ऑडिटोरियम, फुटबॉल ग्राउंड, बुधवारी बाजार के पास आयोजित होगा। इस अवसर पर बिलासपुर सहित अंबिकापुर, भिलाई, रायपुर और कोरबा के प्रमुख पदाधिकारी एवं समाज के वरिष्ठ सदस्य शामिल होंगे।इस संबंध मे जानकारी देते हुए अभय नारायण राय ने कहा कि कार्यक्रम में भूमिहार ब्राह्मण समाज के इस आयोजन में सभी सदस्यों की सहभागिता अपेक्षित है, जिससे समाज की एकता और प्रगति को बल मिले।


श्री राय ने कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी देते हुए बताया कि शाम 6:00 बजे से – समाज के सदस्यों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम। 7:30 बजे से 8:30 बजे तक – सामाजिक सम्मान समारोह, जिसमें समाज के प्रतिभाशाली बच्चों एवं विशिष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा। इसी दौरान नए सदस्यों का परिचय भी कराया जाएगा।
समारोह के मुख्य अतिथि:
इस समारोह में डॉ. अभिराम शर्मा (सेवानिवृत्त न्यायाधीश), जगदम्बा राय (समाज के संरक्षक) सहित विभिन्न जिलों के समाज के अध्यक्ष एवं प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में धार्मिक, सामाजिक एवं साहित्यिक क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा।
कार्यक्रम की तैयारी में जुटे सक्रिय सदस्य:
इस आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए समाज के अध्यक्ष नवीन सिंह, सचिव राजीव कुमार, कोषाध्यक्ष राकेश दीक्षित के साथ एस.के. राय, अभयनारायण राय, पी.एन. राय, अमिय कुमार, पंकज कुमार, विवेक कुमार, कुंदन कुमार, विकास कुमार, प्रभात कुमार, राजेश कुमार, संजय शर्मा, प्रशांत सिंह, डॉ. कमलेश, मिथलेश पाण्डेय, अजेय शर्मा आदि महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
और अधिक जानकारी के लिए अभयनारायण राय के मोबाइल नंबर पर संपर्क कर सकते हैं – 9300644410

स्वामी सहजानंद सरस्वती (22 फरवरी 1889 – 26 जून 1950) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं किसान आंदोलन के अग्रणी नेता थे। वे आदि शंकराचार्य परंपरा के दंडी संन्यासी थे और किसानों के अधिकारों के लिए जीवन भर संघर्षरत रहे। उन्होंने बिहार प्रांतीय किसान सभा की स्थापना की और अखिल भारतीय किसान सभा के पहले अध्यक्ष बने। उनके नेतृत्व में किसानों की स्थिति में सुधार हुआ और जमींदारी प्रथा के खिलाफ महत्वपूर्ण आंदोलन हुए। वे बुद्धिजीवी, लेखक, समाज-सुधारक, क्रांतिकारी एवं इतिहासकार के रूप में भी प्रसिद्ध हैं।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन