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March 18, 2025 10:36 pm

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गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने पर अंतिम निर्णय के लिए 17 मार्च तक समय – साईं मसन्द

17 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में उपस्थित रहेंगे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज

रायपुर। परम धर्म संसद 1008, जो भारत सहित 100 देशों की 1008 धार्मिक और सामाजिक प्रतिभाओं का एक संगठन है, पिछले दो वर्षों से गौ प्रतिष्ठा अभियान चला रहा है। इस अभियान के तहत केंद्र और सभी राज्य सरकारों से यह अनुरोध किया जा रहा है कि गौमाता को पशु सूची से बाहर कर राष्ट्रमाता घोषित किया जाए।

इस संदर्भ में, पिछले वर्ष महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने चुनाव से पूर्व परम धर्म संसद 1008 के परमाध्यक्ष एवं ज्योतिर्मठ के पूज्यपाद शंकराचार्य स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज की उपस्थिति में गौमाता को महाराष्ट्र की राज्यमाता घोषित करने की घोषणा की थी।

मसन्द सेवाश्रम रायपुर के प्रवक्ता मयंक मसन्द ने बताया कि हाल ही में प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले के दौरान एक माह तक चले परम धर्म संसद 1008 के सत्र में यह निर्णय लिया गया कि देश के सभी सत्तारूढ़ और विपक्षी राजनीतिक दलों को 17 मार्च तक गौमाता को राष्ट्रमाता के रूप में स्वीकार करने की सहमति देने का अंतिम अवसर दिया जाएगा।

इस निर्णय के अनुसार, परम धर्म संसद 1008 के परमाध्यक्ष पूज्यपाद शंकराचार्य स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज 17 मार्च को प्रातः 7 बजे से सायं 5 बजे तक दिल्ली के रामलीला मैदान में सैकड़ों धर्म संसद प्रतिनिधियों के साथ उपस्थित रहेंगे।

इस संबंध में जानकारी देते हुए धर्म संसद के संगठन मंत्री एवं मसन्द सेवाश्रम, रायपुर के पीठाधीश साईं जलकुमार मसन्द ने बताया कि यह आंदोलन सनातन वैदिक सिद्धांतों पर आधारित शासन की स्थापना कर भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

Ravi Shukla
Author: Ravi Shukla

Editor in chief

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