Explore

Search

July 6, 2025 3:21 am

R.O.NO.-13250/14

Advertisement Carousel

नक्सली हमले में घायल जवान के नक्सली जिला में स्थानांतरण पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

बिलासपुर . एक आरक्षकणकी याचिका पर सुनवाई करते हुए. हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता का जिला-सुकमा हेतु जारी स्थानांतरण आदेश एवं रिल्हीविंग आदेश पर स्थगन कर दिया गया।
दूसरी बटालियन, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, सकरी में आरक्षक (कॉन्सटेबल) के पद पर पदस्थ दिनेश ओगरे ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं स्वाति सराफ के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर कर स्थानांतरण आदेश को चुनौती दी थी ।
सेनानी, दूसरी वाहिनी द्वारा एक आदेश जारी कर दिनेश ओगरे का स्थानांतरण सकरी, जिला-बिलासपुर से एफ कम्पनी सुकमा स्थानांतरण कर दिया गया। अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं स्वाति सराफ द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि पूर्व में वर्ष 2016 में याचिकाकर्ता पामेड़, जिला-बीजापुर में कान्सटेबल के पद पर पदस्थ था। हेलीपेड सुरक्षा के दौरान नक्सलियों द्वारा की गई गोलाबारी में याचिकाकर्ता के सिर में गोली लगी थी एवं वह गंभीर रूप से घायल हुआ था। इसके साथ ही वर्ष 2018 में याचिकाकर्ता का एक मेजर एक्सीडेन्ट होने के कारण उसके बाऐं पैर में स्टील रॉड लगा है. उसे तेज चलने एवं दौड़ने में दिक्कत होती है। जिला-सुकमा अति संवेदनशील एवं घोर नक्सली जिला है, आवेदक की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति घोर नक्सली जिले में सेवा देने योग्य नहीं है, यदि याचिकाकर्ता घोर नक्सली जिला-सुकमा में ज्वाईन करता है तो नक्सलियों के टारगेट में होने के कारण याचिकाकर्ता की जान को खतरा है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा पूर्व में 03.09.2016 को विशेष आसूचना शाखा, पुलिस मुख्यालय इसके साथ ही दिनांक 18.03.2021 को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), पुलिस मुख्यालय, रायपुर द्वारा जारी किये गये सर्कुलर का हवाला दिया गया जिसमें यह प्रावधान है कि नक्सली हमले में घायल जवानों से उनकी शारीरिक क्षमतानुसार कार्य लिया जाना चाहिये, ऐसे जवानों की पदस्थापना घोर नक्सली जिले में नहीं किया जाना चाहिये। इसके साथ ही समय-समय पर उनके स्वास्थ्य के संबंध में समुचित जानकारी प्राप्त किया जाना चाहिये परन्तु याचिकाकर्ता के मामले में सेनानी, दूसरी बटालियन द्वारा उपर्युक्त वर्णित सर्कुलर का घोर उल्लंघन करते हुए याचिकाकर्ता का घोर नक्सली जिला-सुकमा में स्थानांतण कर दिया गया। उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा उक्त रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात् याचिकाकर्ता का जिला-सुकमा हेतु जारी स्थानांतरण आदेश एवं रिल्हीविंग आदेश पर स्थगन कर दिया गया।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

CRIME NEWS

BILASPUR NEWS