बिलासपुर। अरपा नदी में रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने नाराजगी जताई है। नाराज कोर्ट ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरुरत है। राज्य शासन को कड़े नियम बनाने और इस पर प्रभावी तरीके से अमल करने की बात भी कही।
जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने अरपा नदी में रेत के अवैध खुदाई को लेकर नाराजगी जताई। नाराज डिवीजन बेंच ने नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि अरपा नदी में घास उग आया है। लोगों को पानी नहीं मिल रहा। अवैध उत्खनन के कारण नदी पूरी तरह खोखली हो गई है। अरपा में पानी नजर नहीं आ रहा है।
राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए एडिशनल एडवोकेट जनरल ने जवाब पेश करते हुए बताया कि 12 फरवरी 2025 को नगर निगम आयुक्त ने शपथपत्र पेश कर जानकारी दी है।

बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड नाले व नालियों के 60 प्रतिशत सीवरेज जल को ही ट्रिटमेंट कर सकता है। वर्तमान में मौजूद संसाधनों की क्षमता इतनी ही है। 40 प्रतिशत सीवरेज वाटर को ट्रिटमेंट के लिए कंसलटेंट कंपनी ब्लू स्ट्रीम इंफ्रा डेवलपमेंट कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड पुणे से प्रोजेक्ट रिपोर्ट मिल गई है। इसे सीई पीएचई को भेजा गया है।
डिवीजन बेंच ने कलेक्टर के इस रिपोर्ट पर नाराजगी जताई जिसमें उन्होंने बताया है कि वर्ष 2022-23, 2023-24 के अलावा वर्तमान समय में अवैध उत्खनन का मामला तेजी के साथ बढ़ा है। कोर्ट ने अवैध उत्खनन और परिवहन में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश राज्य शासन को दिया है। कोर्ट ने ऐसे लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज करने का निर्देश भी दिया है।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief