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March 12, 2025 5:27 pm

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क्रिप्टो करंसी और शेयर में निवेश का झांसा देकर 27.5 लाख की ठगी, सीए और इंजीनियर बने शिकार

बिलासपुर। शहर में ऑनलाइन ठगी के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। ताजा मामले में कोतवाली क्षेत्र के दयालबंद नारियल कोठी निवासी एक सीए छात्र और मंगला के शांतिनगर निवासी एक इंजीनियर से कुल 27.5 लाख रुपये की ठगी की गई है। जालसाजों ने दोनों को क्रिप्टो करंसी और शेयर बाजार में अधिक मुनाफे का लालच देकर ठगा। पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


दयालबंद नारियल कोठी निवासी 26 वर्षीय निमेष पाठक, जो कि सीए की पढ़ाई कर रहे हैं, के मोबाइल पर 10 जनवरी को एक व्हाट्सएप मैसेज आया। इस मैसेज में उन्हें क्रिप्टो करंसी में निवेश करने पर अधिक मुनाफा मिलने का लालच दिया गया था। जालसाजों के झांसे में आकर निमेष ने शुरुआत में 1,000 रुपये का निवेश किया, जिसमें उन्हें कुछ ही देर बाद मुनाफे की जानकारी दी गई। यह मुनाफा एक फर्जी वेबसाइट पर दिखाया जा रहा था, जिससे उनका विश्वास मजबूत हो गया।

इसके बाद उन्होंने अलग-अलग खातों में कुल 23 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। जब निमेष ने अपने पैसे वापस मांगने की कोशिश की तो ठगों ने अलग-अलग बहाने बनाकर और पैसे मांगना शुरू कर दिया। यहां तक कि उन्होंने 10 लाख रुपये और जमा करने पर पैसे लौटाने का वादा किया। तब निमेष को ठगी का अहसास हुआ। उनकी शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।

दूसरा मामला मंगला के शांतिनगर निवासी 41 वर्षीय इंजीनियर श्याम सुंदर प्रसाद के साथ हुआ। 5 जनवरी को उनके व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया, जिसमें दो शेयरों में निवेश कर 20% मुनाफा कमाने का दावा किया गया था। मैसेज में दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए श्याम सुंदर ने करीब 4.5 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए।

कुछ दिनों बाद जालसाजों ने उन्हें 300 प्रतिशत मुनाफा होने की जानकारी दी, लेकिन यह मुनाफा पाने के लिए उन्होंने 9 लाख रुपये और जमा करने को कहा। लालच में आकर इंजीनियर ने यह रकम भी ट्रांसफर कर दी। इसके बाद जालसाजों ने 5 लाख रुपये टैक्स के रूप में जमा करने की मांग की। इस पर इंजीनियर को शक हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। रेंज साइबर थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है।

पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है। साइबर सेल भी सक्रिय है और ठगों के बैंक खातों व डिजिटल ट्रांजेक्शन की जानकारी खंगाली जा रही है।

Ravi Shukla
Author: Ravi Shukla

Editor in chief

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