बिलासपुर। कभी सीमांकन के नाम पर तो कभी फाइल सरकाने के नाम पर, इससे भी दिक्कत ये कि बिजली कनेक्शन से लेकर पता नहीं छोटे से बड़े काम को लेकर रिश्वत मांगने वाले रिश्वतखोर अफसरों ने आम जनता को परेशान कर रखा है। परेशान पब्लिक जाए तो जाए कहां। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार का एक डिपार्टमेंट है एसीबी, एंटी करप्शन ब्यूरो।जिसका दरवाजा भ्रष्ट अफसरों व कर्मचारियों से परेशान पब्लिक के लिए खुला हुआ है ।

प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एसीबी की जिम्मेदारी जब से आईपीएस अमरेश मिश्रा कों सौपी है । छत्तीसगढ़ में एक अलग ही माहौल बन रहा है।इतने कम समय में की गई कार्रवाई अपने आप में एक मिसाल है ।सबसे बड़ी कार्यवाई बिलासपुर संभाग के मुंगेली और रायगढ़ के जैजैपुर में हुई है ।पहली बार यहाँ बड़ी राशि लेते हुए रिश्वतखोर एसीबी के हत्थे चढ़े हैं ।
माहौल ऐसा कि जिसमें आम पब्लिक राहत महसूस कर रही है। जाहिर सी बात है, आम पब्लिक अगर अच्छा महसूस कर रही है मतलब साफ है एसीबी अपना काम बेहतर ढंग से कर रहा है। चीफ के निर्देशन में ब्यूरो के अफसर से लेकर मैदानी अमले के कामकाज पर जनता भरोसा जताने लगी है। तभी तो परेशान हाल जनता सीधे एसीबी तक बेरोकटोक और बेखटके पहुंच जा रही है। जिस भरोसे के साथ जनता एसीबी के पास पहुंच रही है उनका भरोसा कायम रखने में एसीबी भी पूरी मुस्तैदी,ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम करते दिखाई दे रही है। CBN 36 के पास उपलब्ध आंकड़े यह बताते हैं कि एसीबी चीफ की कुर्सी जब से अमरेश मिश्रा ने संभाली है,रिश्वतखोर अफसर से लेकर भ्रष्ट कर्मचारियों में दहशत का माहौल है।

आंकड़ों पर भरोसा करें तो राजस्थान एसीबी से भी बेहतर कामकाज छत्तीसगढ़ की एसीबी ने कर दिखाया है। छत्तीसगढ़ में एसीबी की धमक सुनाई देने लगी है। बीते कुछ ही महीनों में एसीबी ने जिस अंदाज में कार्रवाई की और शिकायकर्ताओं का भरोसा जितने में कामयाबी हासिल की है इससे साफ लग रहा है कि रिश्वतखोर अफसरों और कर्मचारियों की अब खैर नहीं और ना ही बख्शे जाएंगे। रिश्वतखोरी को अदात बना लेने वाले अफसरों में एसीबी की दहशत साफतौर पर दिखाई देने लगा है।

60 से ज्यादा अफसर व कर्मचारी चढ़े ACB के हत्थे
बीते छह महीने के दौरान एसीबी ने प्रदेशभर में जिस तरह ताबड़तोड़ कार्रवाई की है,अफसरों से लेकर कर्मचारियों में भय का वातावरण बनने लगा है। रिश्वतखोरी को अपना अधिकार समझने वालों के लिए ऐसा माहौल बना है। ईमानदारी के साथ काम करने वाले अफसर और कर्मचारी बेहद खुश और अपनी जगह बेहतर महसूस कर रहे हैं। कार्यालयों में वर्किंग कल्चर के साथ ही आने वालों का काम आसानी के साथ तय समय में पूरा करने की संस्कृति भी दिखाई देने लगी है। एसीबी की कार्रवाई का आलम ये कि महज छह महीने के भीतर 60 से ज्यादा अफसर और मातहतों को रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा गया है। ये सभी रिश्वतखोर सलाखों के पीछे है।

कोल स्कैम से लेकर लिकर स्कैम के आरोपी जेल में
बीते कुछ महीने के अंतराल में ACB /EOW ने जिस तरह से कार्रवाई की है, उससे संगठित अपराध को जन्म देने वाला गिरोह भी दहशत में है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौर में बहुचर्चित कोयला,शराब व डीएमएफ घोटाले के आरोप जेल की सीखचों के पीछे है। कार्रवाई के साथ-साथ फाइल इतना पुख्ता तैयार किया है कि अपराधी जेल से बाहर ही नहीं आ पा रहे हैं। हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लगातार जमानत खारिज हो रहा है।

जीरो टालरेंस पर फोकस
मुख्यमंत्री विष्णदेव साय ने एसपी कलेक्टर्स कांफ्रेंस के दौरान जीरो टालरेंस पर फोकस करने की हिदायत दी थी। एसीबी और ईओडब्ल्यू के चीफ इसी टारगेट पर काम करते दिखाई दे रहे हैं। जीरो टालरेंस पर उनका पूरा फोकस है। शायद यही कारण है कि अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी मुंगेली में मिली जहाँ आर आई और उसके सहायक को एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया ।इसी तरह जैजपुर में तीस हज़ार रुपए लेते हुए पकड़े गए ।लगातार हो रही कार्रवाई से से आम जनता भी ख़ुश है और एसीबी का आभार व्यक्त किया है ।अब आम जनता को भी लगने लगा है कि सरकार भ्रष्टाचार मुक्त छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करते अफसर भी दिखाई दे रहे हैं।
भ्रष्ट अफसरों व कर्मचारियों से परेशान पब्लिक के लिए खुला है एसीबी का दरवाजा
रिश्वतखोर अधिकारी व कर्मचारियों से परेशान पब्लिक के लिए एसीबी कार्यालय का दरवाजा हमेशा खुला हुआ है। रायपुर, बिलासपुर,अंबिकापुर ,जगदलपुर सहित ब्यूरो मुख्यालय रायपुर में कभी भी कोई भी व्यक्ति संपर्क कर शिकायत कर सकता है।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief