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July 1, 2025 3:19 pm

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नई पुनर्वास नीति का असर: 10 लाख के इनामी नक्सली दंपत्ति ने कबीरधाम पुलिस के समक्ष किया आत्मसमर्पण

अब तक जिले में 8 ईनामी नक्सलियों सहित कुल 9 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं और समाज की मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं।

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कवर्धा। आत्मसमर्पित नक्सली रमेश उर्फ मेस्सा बोड़ला एरिया कमेटी विस्तार प्लाटून नंबर 3 के डिप्टी कमांडर के पद पर था, उसकी पत्नी रोशनी उर्फ हिड़में बोड़ला एरिया कमेटी विस्तार प्लाटून नंबर 3 की सदस्य के रूप में कार्यरत थी।

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कवर्धा। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने आत्मसमर्पित नक्सलियों के समुचित पुनर्वास एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु पुलिस एवं प्रशासन को दिए निर्देश।

पुलिस महानिरीक्षक राजनंदगांव रेंज श्री दीपक कुमार झा (भा पु से) के मार्गदर्शन में जिला कबीरधाम में पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेंद्र सिंह (भा पु से ) के नेतृत्व में, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री पुष्पेंद्र बघेल एवं श्री पंकज पटेल, डीएसपी नक्सल ऑप्स श्री संजय ध्रुव एवं कृष्ण कुमार चंद्राकर के पर्यवेक्षण में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत पुलिस बल द्वारा लगातार भटके हुए नक्सलियों से संपर्क एवं संवाद किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘नई नक्सल आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति’’ और जिले में चलाये जा रहे नक्सल अभियान के कारण नक्सलियों के हिंसक और शोषणकारी विचारधारा से तंग आकर कई माओवादी समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय ले रहे हैं। बस्तर क्षेत्र के साथ साथ कबीरधाम जिले में इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है।

इस अभियान से प्रेरित होकर 5-5 लाख रुपए के ईनामी नक्सली दंपत्ति रमेश उर्फ मेस्सा (डिप्टी कमांडर, बोड़ला एरिया कमेटी विस्तार प्लाटून नंबर 3) और उसकी पत्नी रोशनी उर्फ हिड़में (सदस्य, बोड़ला एरिया कमेटी विस्तार प्लाटून नंबर 3) ने दिनांक 18.01.2025 को कबीरधाम पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। इन दोनों पर थाना तरेगांव में दर्ज 2-2 नक्सल अपराध दर्ज हैं।
’रमेश उर्फ मेस्सा’ ने नक्सली संगठन में डिप्टी कमांडर के रूप में काम करते हुए कई हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया था एवं पुलिस के साथ मुठभेड़ में शामिल रहा वह संगठन में रहने के दौरान एस एल आर राइफल धारी रहा है। वहीं, ’रोशनी उर्फ हिड़में’ संगठन की प्रशिक्षित सदस्य थी, जो नक्सली हिंसा में सक्रिय भूमिका निभाती रही तथा संगठन में इन्सास राइफल धारी थी। दोनों ने संगठन में व्याप्त आंतरिक संघर्ष, अमानवीय व्यवहार, स्थानीय आदिवासियों पर अत्याचार, और जंगलों में जीवन की कठिनाईयों से परेशान होकर आत्मसमर्पण का निर्णय लिया।

🔸आत्मसमर्पित नक्सली दंपत्ति को छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘पुनर्वास नीति’’ के तहत दोनों को पृथक-पृथक 25,000-25,000 रुपये (कुल 50,000 रुपये) की प्रोत्साहन राशि तत्काल नगद प्रदान की गई। इसके साथ ही भविष्य में 3 वर्ष तक 10,000 रुपये मासिक स्टाइपेंड राशि, निःशुल्क आवास एवं भोजन, स्किल डेवलपमेंट हेतु प्रशिक्षण, कृषि भूमि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

🔸अब तक जिले में 8 ईनामी नक्सलियों सहित कुल 9 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं और समाज की मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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