बिलासपुर। सिम्स की बदहाली को लेकर जनहित याचिका पर शुक्रवार को डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। सिम्स प्रबंधन की ओर से शपथपत्र पेश किया गया। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और उनकी डिवीजन बेंच ने अगली सुनवाई 17 फरवरी को निर्धारित की है। कोर्ट ने डीन को निर्देश दिया है कि वे अस्पताल की वर्तमान स्थिति और सुधार कार्यों पर विस्तृत प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करें।
पिछले वर्ष अक्टूबर में मीडिया में आई खबर पर चीफ जस्टिस ने स्वयं संज्ञान लिया था। खबर में बताया गया था कि सिम्स में इलाज की समुचित व्यवस्था न होने के कारण दूर-दूर से आए मरीज या तो अस्पताल छोड़कर लौट जाते हैं या निजी अस्पतालों का सहारा लेते हैं। इस मामले को हाई कोर्ट ने जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर सुनवाई शुरू की। पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सीजीएमएससी के वकील ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि सिम्स के डीन के पास 95 लाख का फंड उपलब्ध है, जिसे दवा खरीदी और अन्य जरूरतों के लिए उपयोग किया जा सकता है। वहीं, जिला कलेक्टर ने शपथपत्र के जरिए बताया था कि सिम्स की व्यवस्था सुधारने के लिए शासन की ओर से सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
शुक्रवार को सुनवाई में सिम्स प्रबंधन ने कोर्ट को बताया कि अस्पताल में पहले हो रही अधिकांश समस्याओं को दूर कर लिया गया है। अब मरीजों को सभी आवश्यक जांचें अस्पताल में ही उपलब्ध कराई जा रही हैं। गंभीर समस्याओं की स्थिति नहीं है।
हाईकोर्ट ने कहा- हर सुनवाई में दें वर्तमान स्थिति की जानकारी
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने स्पष्ट किया कि यह जनहित याचिका समाप्त नहीं की जाएगी। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि हर सुनवाई में सिम्स की वास्तविक स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। अगली सुनवाई में डीन से प्रगति रिपोर्ट तलब की गई है।
Author: Ravi Shukla
Editor in chief