बिलासपुर। आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी व ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज मामले में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट ने सौम्या चौरसिया को जमानत दे दी है। जमानत के बाद भी सौम्या की रिहाई नहीं हो पाएगी। फिलहाल जेल में ही रहना होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव रहीं व राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर सौम्या चौरसिया को एसीबी/ ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज आय से अधिक संपत्ति के मामले में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम रायपुर के कोर्ट से जमानत मिल गई है। तय समयावधि में चालान प्रस्तुत नहीं कर पाने के कारण स्पेशल कोर्ट ने 50–50 हजार रूपये के दो निजी मुचलकों पर जमानत दिया है।
सौम्या चौरसिया को ईडी ने कोल लेव्ही घोटाला में गिरफ्तार किया था। कोल ट्रांसपोर्ट करने वाले व्यापारियों से प्रति टन 50 रुपए वसूली करने के बाद ही पीट पास जारी किया जाता था। सिंडिकेट को चलाकर 540 करोड़ रुपए वसूली की गई थी। ईडी ने इस पूरे मामले का कर्ताधर्ता सूर्यकांत तिवारी को माना था। आरोप है कि सूर्यकांत तिवारी को सौम्या चौरसिया का संरक्षण प्राप्त था। एसीबी व ईओडब्ल्यू ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी सौम्या के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। इस मामले में 7 जनवरी को 60 दिन होने के बाद सौम्या चौरसिया के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन पेश किया था।
जेल से नहीं होगी रिहाई
सौम्या चौरसिया को कोल लेव्ही स्कैम में ईडी द्वारा दर्ज मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। पर इसी मामले में एसीबी/ ईओडब्ल्यू द्वारा भी पृथक से मामला दर्ज कर लिया गया है। जिसमें सौम्या को जमानत नहीं मिली है। जिसके चलते उन्हें अब भी जेल में रहना होगा।
Author: Ravi Shukla
Editor in chief