बिलासपुर। प्रदेश में सिटी और इंटरसिटी बसों की जर्जर हालत को लेकर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी। इस मामले में आज हुई सुनवाई के दौरान शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ने पूरी योजना प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा। हाई कोर्ट ने यह अनुरोध स्वीकार कर अगली सुनवाई की तिथि 17 जनवरी निर्धारित की है। बिलासपुर में सिटी बसों की खस्ताहाल स्थिति और प्रदेश में संचालित अंतर-नगरीय बस सेवाओं को लेकर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पूछा था कि इन खटारा बसों के संबंध में शासन क्या कदम उठा रहा है। तब शासन ने बताया था कि केंद्र सरकार द्वारा स्मार्ट शहर परियोजना के तहत बड़ी संख्या में इलेक्ट्रानिक बसें उपलब्ध कराई जा रही हैं, जो दिसंबर माह से बिलासपुर में भी चलाई जाएंगी।
मंगलवार की सुनवाई में अतिरिक्त महाधिवक्ता ने अदालत को जानकारी दी कि बस संचालकों को टैक्स में कई छूटें दी गई हैं और नई योजना के तहत इलेक्ट्रानिक बसें इसी वर्ष के अंत से शुरू होंगी। कोर्ट ने अंतर-नगरीय बस सेवाओं की स्थिति, टैरिफ और स्क्रैप में पड़ी खटारा बसों को लेकर भी सवाल किए। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने बताया कि इन मुद्दों पर सरकार कार्ययोजना तैयार कर रही है और इसके लिए समय की आवश्यकता है। कोर्ट ने समय देते हुए निर्देश दिया कि अगली सुनवाई में विस्तृत कार्ययोजना पेश की जाए। मामले की अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी।
Author: Ravi Shukla
Editor in chief