बिलासपुर। अशोक नगर सरकंडा मे भाटिया परिवार द्वारा स्वयं के स्वामित्व वाली जमीन को पाटने और समतल करने को लेकर तालाब पाटने की शिकायत पर बिलासपुर एस डी एम द्वारा कार्रवाई करते हुए तालाब की जमीन को मूल रूप मे लाने के लिए किये जाने वाले कार्य का पुरा खर्च भाटिया परिवार को वहन् करने तथा जुर्माना लगाने की कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने मामले मे यथा स्थिति बनाये रखने और कलेक्टर बिलासपुर को लंबित अपील की सुनवाई ४५ दिन के भीतर करने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि अशोक नगर सरकंडा में भाटिया परिवार के कब्जे वाली जमीन को तालाब वाली और अवैध कब्जा बताते हुए जमीन को मूल स्वरूप (तालाब) में लाने के लिए निगम ने खुदाई शुरु कर दी थी । जिसके तहत
तालाब को मूल स्वरूप में लाने तक निगम व प्रशासन ने दो दिनों तक कार्रवाई जारी रखी। दूसरे दिन तालाब की खुदाई में 130 ट्रक मिट्टी निकाली गई, जिसमें से 110 ट्रक मिट्टी मंगला और शेष मिट्टी गोठानों में भेजी गई। दोपहर बाद निगम ने खुदाई के लिए दो अतिरिक्त पोकलेन तक लगा दिया । प्रशासन ने अभी तक 70 फीसदी जमीन समतल कर देने का दावा किया है ।
प्रशासन की ओर से कहा गया कि शराब कारोबारी अमोलक सिंह, गुरचरण सिंह और गुरमीत – सिंह से पूर्व एसडीएम सुभाष राज ने नोटिस देकर जवाब मांगा था। नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं होने और सरकारी रिकॉर्ड में तालाब होने की पुष्टि होने पर वर्तमान एसडीएम पीयूष तिवारी ने अवैध कब्जा हटाकर तालाब खुदाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद • 13 नवंबर को सुबह 6 बजे प्रशासन व निगम का अमला दलबल के साथ पहुंचा और फेंसिंग कब्जा हटाकर जमीन पर तालाब की खुदाई शुरू की। दूसरे दिन बुधवार को कार्रवाई सुबह 8 बजे से शुरू की गई, जो दोपहर 3 बजे तक चली। इसके बाद दोपहर 4 बजे से शाम 6 बजे तक कार्रवाई चली।
प्रशासन की ओर से यह भी बताया गया कि अशोक नगर बिरकोना रोड पर खसरा नंबर 6 और 7 तालाब मद की जमीन है। सुप्रीम कोर्ट से साफ निर्देश हैं कि किसी भी स्थिति में जल स्रोत यानी नदी, तालाब के मूल स्वरूप से किसी भी तरह का खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। फिर चाहे वह निजी ही क्यों न हो। शराब कारोबारी इसे वर्ष 2021 से धीरे-धीरे पाट रहा था। उस वक्त अफसरों ने जानकारी होते हुए भी रोक नहीं लगाई। इससे पूरा तालाब समतल जमीन हो गया। निगम के अफसर सुरेश शर्मा ने तब बताया था कि तालाब को मूल स्वरूप में लाने तक बगैर कोई विराम के खुदाई जारी रहेगी। दूसरे दिन की खुदाई में 5 जेसीबी, निगम के 11 और 2 प्राइवेट मिलाकर कुल 13 ट्रक लगाए गए थे। दोपहर बाद खुदाई में तेजी लाने के लिए दो पोकलेन भी लगाए गए। बुधवार को कुल 130
ट्रक मिट्टी निकली, जिसमें 110 मिट्टी मंगला और 20 ट्रक मिट्टी गोठानों में भेजी गई।
पहले दिन 11 घंटे तक कार्रवाई चली और 50 डंपर मिट्टी-मलबा निकाला गया। यहां तालाब को पाटकर मैदान बना दिया गया था, अब इसे वापस तालाब बनाने में महीनों लग सकते हैं। कार्रवाई के लिए सुबह से ही भारी भरकम प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया था। निगम के 50 और पुलिस के 30 कर्मचारी पूरे समय डटे रहे। एसडीएम और तहसीलदार भी पहुंचे थे। एसडीएम ने 23 अक्टूबर को आदेश जारी कर शराब कारोबारी को 7 दिन में तालाब को वापस मूल स्वरूप में लाने के लिए कहा था। लेकिन, 19 दिन बाद भी कब्जा हटाने और इस जगह को वापस तालाब बनाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर 20वें दिन मंगलवार को सुबह 6 बजे राजस्व विभाग व नगर निगम का अमला दल-बल समेत कार्रवाई के लिए पहुंचा। कब्जा हटाने और तालाब के लिए खुदाई करने 6 जेसीबी व 8 डंपर लगाए गए थे। तत्कालीन एसडीएम सुभाष राज ने अमोलक सिंह, गुरुचरण सिंह और गुरमीत सिंह को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। नोटिस का जवाब संतोषजनक न मिलने और वाजिब उल अर्ज समेत पुराने रिकॉर्ड में तालाब की पुष्टि होने पर आनन फान न मे कार्रवाई शुरु की गई।
चांटीडीह पटवारी हल्का नंबर 33 में खसरा नंबर 6 और 7, में यह जगह रकबा क्रमशः 0.424 और 1.193 हेक्टेयर में तालाब और अधिकार अभिलेख में तुकाराम पिता लक्ष्मण साव के नाम पर दर्ज है। संशोधन पंजी 1962-63 के अनुसार, वाजिब उल अर्ज में यह जमीन पैठ, ताल, पानी के नीचे दर्ज होना उल्लिखित है। वर्तमान राजस्व अभिलेख में खसरा के अनुसार, खसरा नंबर 7 का कुल 4 बटांकन हुआ है।
कार्रवाई के लिए सुबह छह बजे मौके पर निगम और राजस्व के अफसर एसडीएम पीयूष तिवारी, तहसीलदार मुकेश देवांगन पहुंच गए थे। कार्रवाई शुरू होने के बाद वे चले गए। निगम के भवन अधिकारी सुरेश शर्मा, जोन कमिश्नर प्रवीण शर्मा, अतिक्रमण प्रभारी प्रमिल शर्मा, सब इंजीनियर जुगल सिंह, शिव जायसवाल समेत निगम के इंजीनियर और पुलिस के जवान पूरे समय डटे रहे
अशोक नगर बिरकोना रोड पर खसरा नंबर 6 और 7 तालाब मद की जमीन है।
प्रशासन ने यह स्वीकार किया कि खसरा नम्बर 7/2, 7/3, 7/4, रकबा क्रमशः 0.283, 0.263, 0.263 हेक्टेयर भूमि अमोलक सिंह भाटिया पिता हरवंश सिंह भाटिया, गुरमीत सिंह पिता हरवंश सिंह और गुरुशरण सिंह पिता सुरजीत सिंह के नाम पर दर्ज है इनके द्वारा मिट्टी डालकर 0.50 एकड़ तालाब को पाटा जा चुका है। राजस्व दस्तावेजों मे धरमराज पिता रेवाराम वगैरह, खसरा नंबर 7/2 में अमोलक सिंह भाटिया पिता हरवंश सिंह भाटिया, खसरा नंबर 7/3 में गुरुमीत सिंह भाटिया पिता हरवंश सिंह भाटिया, खसरा नंबर 7/4 में गुरुशरण सिंह भाटिया पिता सुरजीत सिंह भाटिया के नाम दर्ज हैं।
बिलासपुर एसडीएम के आदेश और कार्रवाई के खिलाफ भाटिया परिवार ने अधिवक्ता अभिषेक सिंहा के माध्यम से हाईकोर्ट मे याचिका दायर की गई जिसमे कहा गया कि वर्ष 2006 मे उक्त घास मद की जमीन का क्रय कर उसका नामांतरण कराया तब कोई भी आपत्ति दर्ज नही कराया गया और न ही किसी ने कोई चुनौती दी यानि उक्त जमीन की खरीदी बिक्री पर किसी को कोई आपत्ति नही थी । तत्कालीन एस डी एम की नोटिस पर कलेक्टर के समक्ष पीड़ित पक्ष द्वारा अपील की गई लेकिन उस अपील पर कोई सुनवाई नही की गई। याचिका पर जस्टिस चंद्रवशी की एकल पीठ मे बुधवार को सुनवाई हुई जिसमे माननीय जस्टिस ने मामले पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश देते हुए कलेक्टर बिलासपुर को लंबित अपील पर 45 दिन के अंदर सुनवाई करने का आदेश दिया है ।