बिलासपुर । राजस्व विभाग और पुलिस थाने के बीच उठे विवाद मे राजस्व विभाग पुलिस पर भारी पड़ गया । नायब तहसीलदार पुष्पेंद्र मिश्रा और उनके परिवार के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार और मारपीट के मामले मे सरकंडा थाना के टी आई को लाइन हाजिर करने आई जी के आदेश के बाद राजस्व अधिकारी शायद आंदोलन करने के निर्णय को निरस्त कर दें । नायब तहसीलदार ,उसके परिवार के साथ पुलिस का चाहे जो भी रवैया रहा हो लेकिन ऐसा सम्भवतः पहला मामला है जिसको लेकर दोनो विभाग के टकराहट की स्थिति निर्मित हो गई थी ।आम लोग यह चर्चा भी करने लगे थे कि जब तहसीलदार और उसके परिवार के साथ पुलिस का ऐसा रवैया था तो आम जनता के साथ पुलिस कैसे पेश आती होगी यह सोचनीय विषय है ।बहरहाल पुलिस और प्रशासन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए आईजी संजीव शुक्ला ने सरकंडा थाना प्रभारी तोपसिंह नवरंग को लाइन अटैच कर एसपी से 3 दिन में पूरे मामले की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने निर्देश दिया है।
घटना से नाराज राजस्व अधिकारियो के संघ का मानना है कि नायब तहसीलदार और उसके भाई को परिचय बताने के बाद भी उन्हें थाने ले जाकर उनके साथ अमर्यादित भाषा का उपयोग कर अपमानित करने की घटना और कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद भी नायब तहसीलदार को झूठे शराब पीने के मामले में फंसाने की कोशिश का मामला बेहद गम्भीर है। संघ का कहना है कि थाना प्रभारी को सिर्फ लाइन हाजिर कर देने के आदेश से संतोष नहीं होगा।कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ और राज्य प्रशासनिक सेवा संघ ने घटना मे संलिप्त थानेदार और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है संघ का कहना है कि यदि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने पर मजबूर होंगे
राजस्व मंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात के बाद संघ ने मुख्यमंत्री से मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि इस घटना ने पूरे प्रशासनिक तंत्र को झकझोर दिया है और पुलिस पर कार्रवाई से ही न्याय संभव है। यह घटना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच आपसी सम्मान और सुरक्षा के प्रश्न को उजागर करती है। सवाल यह भी उठता है कि पुलिस ने जिस रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के बेटे को प्रत्यक्ष दर्शी गवाह बनाया है वह इतनी रात को वहां कैसे मौजूद था ?