Explore

Search

November 14, 2024 9:40 am

IAS Coaching
लेटेस्ट न्यूज़

सरकारी जमीन पर कब्ज़ा करने वाले कथित भाजपा नेता ने पाटली पुत्र संस्कृति विकास मंच संगठन की विश्वनीयता पर प्रश्न खड़े कर दिया,नैतिकता के नाते अध्यक्ष पद से उनका इस्तीफा देना तो बनता है

कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा मे असामाजिक तत्वों ने किया बवाल्, समाज मे भारी आक्रोश, गृह मंत्री ,आईजी पहुंचे दामाखेड़ा,पी सी सी अध्यक्ष बैज के भी पहुँचने की खबर ,पुलिस ने डेढ़ दर्जन लोगो को किया गिरफ्तार,कई फरार

परसों से शुरु होगी धान खरीदी,प्रदेश भर के 2058 सहकारी समितियों के 13 हजार हड़ताली कर्मचारियों ने हड़ताल समाप्त,सरकार ने मांगे मानी लेकिन प्रदेश भर के राईस मिलरों द्वारा कस्टम मिलिंग नही करने का निर्णय जस का तस

विलासपुर। छत्‍तीसगढ़ में दो दिन बाद परसों  14 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो जाएगी  लेकिन सरकार के लिए  राहत  भरी खबर यह है कि  धान खरीदी करने वाली 2,058 सहकारी समितियों के करीब 13,000 कर्मचारी जो हड़ताल पर चल रहे थे उन्होंने आज शाम हड़ताल वापस ले ली है। सरकार ने उनकी मांगे मान ली है  वहीं दूसरी ओर प्रदेश के राइस मिलरों ने भी वित्तीय वर्ष 2024-25 की कस्टम मिलिंग नहीं करने का फैसला लिया है जिससे सरकार असमंजस मे है । संभव है आने वाले दिनों मे इस मुद्दे पर सरकार और मिलरो के बीच बातचीत हो और कोई रास्ता निकल जाये ।

प्रदेश में कुल 2,058 सहकारी समितियों के साथ ही 600 से ज्यादा उपकेंद्रों में भी धान खरीदी होनी है।कर्मचारियों का कहना था कि हड़ताल के चलते अभी तक न बारदाना उतरा है और न ही धान खरीदी केंद्रों में साफ-सफाई हुई है। साथ ही कुछ क्षेत्रों में तो किसानों का पंजीयन भी नहीं हुआ है। हड़ताल खत्म हो भी हो गई है तो कम से कम चार से पांच दिन सामान्य होने में लगेंगे।

छत्तीसगढ़ प्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष जय प्रकाश साहू ने बताया कि संघ की बातें सरकार ने  मान ली है अन्यथा  कर्मचारी संघ ने धान  खरीदी का बहिष्कार करने का निर्णय ले लिया था ।  सरकार के समक्ष संघ ने  जो प्रमुख मांगें रखी थी उस्मे धान खरीदी में सूखत जो आ रहा है वो समितियों को तीन प्रतिशत प्रति क्विंटल की दर से मिले। कर्मचारियों के लिए प्रबंधकीय वेतन अनुदान प्रति वर्ष प्रति समिति तीन लाख रुपये मिले। वहीं जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों में सेवा नियम के तहत 50 प्रतिशत की नियुक्ति होनी चाहिए।

धान खरीदी को लेकर  जमकर हो रही राजनीति

धान खरीदी को लेकर प्रदेश में राजनीति भी तेज हो गई है । कांग्रेस के नेताओं का सरकार पर आरोप लगाने का दौर जारी है। इस बार धान खरीदी के नियमों में कुछ बदलाव भी हुआ है। नई नीति के तहत 72 घंटे में बफर स्टाक के उठाव के नियम को बदला गया है। बफर स्टाक के उठाव की कोई सीमा नहीं है। साथ ही समस्त धान का निपटान अब 31 मार्च तक किया जाएगा।

राइस मिलरों का कहना जब तक राशि नहीं  कस्टम मिलिंग भी नहीं

प्रदेश के राइस मिलरों का कहना है कि उन्हें शासन से अभी पुराना पैसा ही लेना है और पैसे नहीं मिलने से काफी परेशानी हो रही है। राइस मिलरों को शासन से वित्तीय वर्ष 2022-23 के करीब 1,500 करोड़ की राशि लेनी है। इसके साथ ही विभिन्न मुद्दों को लेकर सोमवार को छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन की बैठक हुई।

एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के सभी 33 जिलों के करीब 200 प्रतिनिधि इस बैठक में आए थे। राइस मिलरों को कहना है कि जब तक उन्हें पुराना पैसा न मिल जाए वर्ष 2024-25 का कस्टम मिलिंग नहीं करेंगे। राइस मिलरों में कैमरे लगाने का नियम हटाया जाए तथा पैनाल्टी नहीं लगाया जाये।

CBN 36
Author: CBN 36

Leave a Comment

Read More

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर
best business ideas in Hyderabad