रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल बिलासपुर की आवाज बने,रेलवे जोन की आय और उसके मुकाबले खर्च तथा बंद किए जा रहे ट्रेनों की जानकारी मांगी लेकिन रेलमंत्री ने नही दिया जवाब ,सवालों को उलझाया
बिलासपुर ।बिलासपुर जोन में सैकड़ों यात्री ट्रेनें रद्द किए जाने और 3 साल के भीतर रेलवे जोन की आय तथा उसके मुकाबले में जोन में रेलवे के विकास के लिए खर्च की राशि का हिसाब मांग कर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्र सरकार की दुखती रग पर हाथ रख दिया । बृजमोहन अग्रवाल के सवालों पर लोकसभा में तालियां बजती रही लेकिन रेल मंत्री को बृजमोहन अग्रवाल के सवालों का जवाब देना नही था सो नहीं दिया और कह दिया कि मुंबई हावड़ा रूट में छत्तीसगढ़ आता है इसलिए छत्तीसगढ़ में रेल विकास नहीं थमेंगे बल्कि प्राथमिकता पूर्वक काम होंगे । उन्होंने 2014 के पहले और मोदी सरकार के दस साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ और बिलासपुर रेलवे जोन अंतर्गत किए गए विकास और ट्रेनों की संख्या का तुलनात्मक जानकारी देते हुए स्पष्ट कर दिया कि कोरोना काल से अब तक सैकड़ों की संख्या में ट्रेनें निरस्त करने से सरकार और रेल मंत्रालय को कोई फर्क नहीं पड़ता। यह उल्लेखनीय है कि बृजमोहन अग्रवाल ने पहली बार ही सांसद निर्वाचित होने के बाद पूरी दृढ़ता के साथ संसद में छत्तीसगढ़ और बिलासपुर रेलवे जोन को लेकर रेल मंत्री से जिस तरह सवाल जवाब किए है वैसा सवाल जवाब अभी तक छत्तीसगढ़ के किसी भी सांसद (खासकर बिलासपुर के) ने नही किया है ।बिलासपुर से तो 33 साल से भाजपा के सांसद निर्वाचित होते आ रहे है खैर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने बिलासपुर की पीड़ा को पूरी मुखरता के साथ संसद में रखा है । बिलासपुर सांसद तोखन साहू तो अब राज्य मंत्री हैं इसलिए स्वाभाविक है वे संसद में बिलासपुर की बात नहीं रख पाएंगे लेकिन बिलासपुर की आवाज यदि बृजमोहन अग्रवाल बन रहे है तो यह अच्छी बात है ।बृजमोहन अग्रवाल ने पूरी दबंगता के साथ छत्तीसगढ़ में रेल सुविधाओ पर की जा रही कटौती पर बोलते हुए कहा कि पहाड़ों और नदियों से घिरे छत्तीसगढ़ के कुल क्षेत्रफल का 42 फीसदी हिस्सा जंगल है। यहां की 32 फीसदी जनसंख्या आदिवासी और 12 फीसदी अनुसूचित जाति है। जिनके लिए ट्रेन, परिवहन का एक महत्वपूर्ण साधन है।उन्होंने सांसद में छत्तीसगढ़वासियों की रेलवे से जुड़ी समस्याओं को लेकर लोकसभा में सवाल उठाया। रेल मंत्री से राज्य में तीन सालों से ट्रेनों के अनियमित परिचालन, रद्दीकरण और राज्य के दूरस्थ इलाकों में ट्रेन संचालन की कार्ययोजनाओं की जानकारी मांगी । रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने जानकारी दी कि, छत्तीसगढ़, हावड़ा और मुंबई को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण रेल लाइन है। 2014 की तुलना में मोदी सरकार ने 2024 में छत्तीसगढ़ को 22 गुना ज़्यादा राशि आवंटित की है। वहीं 2014 में जहां राज्य में साल भर में 6 किलोमीटर रेललाइन बिछायी जाती थी वो अब 100 किलोमीटर सालाना हो गयी है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में करीब 37 हजार करोड़ रुपए की 25 परियोजनाएं कार्यरत हैं।ट्रेन रद्द होने की वजह रेललाइनों के दोहरीकरण -तिहरीकरण के दौरान इंटरलॉकिंग है, जिसके समाधान के लिए नई तकनीक पर काम हो रहा है। जल्द ही राज्य में रेल परिचालन सुधर जायेगा।
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