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February 13, 2025 4:58 pm

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बच्चों ने जानी सूर्याभिषेक की विधि, हनुमान की मूर्ति में इस वैज्ञानिक पद्धति का किया गया उपयोग

विशाल भटनागर/मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ की बात की जाए तो लोहिया नगर स्थित सत्यकाम इंटरनेशनल स्कूल में विज्ञान घर सीजन 4 का आयोजन किया गया. जिसमें विभिन्न राज्यों से आए बाल वैज्ञानिक प्रत्येक दिन विज्ञान से संबंधित गतिविधियों में प्रतिभाग करते हुए नजर आ रहे हैं. इसी कड़ी में शनिवार को बाल वैज्ञानिकों द्वारा भगवान श्री हनुमान की मूर्ति का सूर्य अभिषेक किया गया.

विज्ञान गुरु दीपक शर्मा ने लोकल- 18 से खास बातचीत करते हुए बताया की विज्ञान घर में उत्तराखंड के हरिद्वार से प्रतिभाग करने आई छात्रा आरजू द्वारा ही हनुमान जी की मूर्ति तैयार की गई थी. इस मूर्ति का सूर्याभिषेक करते हुए बाल वैज्ञानिकों को इसका कॉन्सेप्ट समझाया गया. उन्होंने बताया कि इस वैज्ञानिक विधि को करने के लिए दो दर्पण का उपयोग किया गया और इसमें एक लेंस भी लगाया गया. लेंस के जरिए ही सूर्य के प्रकाश को परिवर्तित करते हुए हनुमान का सूर्याभिषेक किया गया.

उन्होंने बताया कि सूर्याभिषेक हमेशा एक निर्धारित समय की अवधि के अंदर ही हो सकता है. उन्होंने बताया कि स्टूडेंट को बताने के लिए अभी यह प्रयोग किया गया था लेकिन जल्द ही इस मूर्ति को स्थापित किया जाएगा. वहां पाइप और वैज्ञानिक पद्धति से अनुसार दर्पण और लेंस को सेट किया जाएगा.

ऐसे होता है सूर्याभिषेक
विज्ञान गुरु दीपक शर्मा ने बताया कि जब भी मंदिर में मूर्ति का सूर्याभिषेक किया जाता है तो उसके लिए सूर्य की किरणों को परिवर्तित करते हैं. इससे वह कमजोर पड़कर लेंस के माध्यम से उस स्थान पर पहुंचती हैं जहां सूर्यभिषेक करना हो. उस स्थान पर केंद्रित करते हुए इस विधि को किया जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि सूर्य तिलक करने का एक समय निर्धारित है. उस समय के अनुसार सूर्य तिलक होता है जो की साइंस का ही एक नियम है.

बताते चलें कि विज्ञान घर में प्रत्येक दिन नई-नई गतिविधियों में युवा प्रतिभाग करते है. यहां जो भी युवा कांसेप्ट को पूरा करते हैं उनको विज्ञान पुत्र के रूप में भी चुना जाता है.

FIRST PUBLISHED : June 10, 2024, 17:46 IST

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Ravi Shukla
Author: Ravi Shukla

Editor in chief

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