Explore

Search

December 11, 2025 6:04 pm

मानवता की ऐतिहासिक मिसाल पेश की-शहीद वीर नारायण सिंह ने

रायपुर, 11 दिसंबर 2025।पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के इतिहास अध्ययन शाला में शहीद वीर नारायण सिंह जी का 168वां बलिदान दिवस श्रद्धा एवं गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विभाग द्वारा एक परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें वक्ताओं ने वीर नारायण सिंह के जीवन, संघर्ष और बलिदान पर विस्तृत चर्चा की।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉ.आभा रूपेंद्रपाल, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ इतिहास परिषद एवं पूर्व विभागाध्यक्ष, इतिहास अध्ययन शाला, ने कहा कि वीर नारायण सिंह गरीबों, किसानों और वंचित समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए सदैव अग्रसर रहे। उन्होंने 1856 के भीषण अकाल के दौरान गरीबों में अनाज बांटकर मानवता की अद्वितीय मिसाल पेश की। डॉ. रूपेंद्रपाल ने कहा कि अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों के कारण जब किसान भूख से मरने लगे, तब वीर नारायण सिंह ने किसानों को संगठित कर अंग्रेजी शासन का डटकर सामना किया।

उन्होंने बताया कि अंग्रेजों ने उन पर गोदामों से अनाज जनता में बांटने का आरोप लगाकर उन्हें गिरफ्तार किया तथा 10 दिसम्बर 1857 को रायपुर के जय स्तंभ चौक में फांसी दे दी। डॉ. रूपेंद्रपाल ने कहा कि वास्तव में उन्होंने अपनी प्रजा के अधिकारों की रक्षा की थी और उनका संघर्ष अन्याय तथा असमानता के विरुद्ध था।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर डॉ.आर. के. ब्रह्मे, अध्यक्ष इतिहास अध्ययन शाला, ने की। उन्होंने कहा कि सोनाखान के जमींदार होने के बावजूद वीर नारायण सिंह ने अंग्रेजों के सामने झुकने के बजाय संघर्ष का मार्ग चुना और छत्तीसगढ़ में 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत बने।

प्रमुख वक्ता प्रोफेसर रमेंद्र नाथ मिश्र, पूर्व विभागाध्यक्ष, ने कहा कि वीर नारायण सिंह पर लगाया गया देशद्रोह का आरोप अंग्रेजों की दमनकारी नीति का परिणाम था। उन्होंने बताया कि वीर सपूत का बलिदान आज भी स्वाभिमान, संघर्ष और अन्याय के प्रतिकार की प्रेरणा देता है।

कार्यक्रम में प्रोफेसर डॉ.के. के. अग्रवाल, उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ इतिहास परिषद, तथा प्रोफेसर डॉ.बी. एल. सोनकर अध्यक्ष अर्थशास्त्र अध्ययन शाला विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।इस अवसर पर विभाग के छात्रों द्वारा खेलकूद गतिविधियाँ भाषण गीत तथा रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा विजयी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

कार्यक्रम में डॉ.डी.एन. खूटे सह-प्राध्यापक डॉ.बसों नूरूटि द्वारा आभार प्रदर्शन तथा डॉ. सीमा पाल डॉ. उदय अडाउ डॉ. दिप्ती वर्मा सहित शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी गोल्डी राज एक्का ने किया। इतिहास अध्ययन शाला के विद्यार्थी एवं शोधार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

यह समारोह शहीद वीर नारायण सिंह के शौर्य, बलिदान और जनहितैषी कार्यों को याद करते हुए उनके आदर्शों के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप आयोजित किया गया।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

Advertisement Carousel
CRIME NEWS

BILASPUR NEWS