बिलासपुर। बलौदाबाजार जिले के बारनवापारा वन क्षेत्र में खेत में बने गहरे कुएं में हाथियों के गिरने की घटना मीडिया में प्रकाशित की गई थी। मीडिया रिपोर्ट को संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस ने वन विभाग सचिव को नोटिस जारी कर शपथपत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। डिवीजन बेंच ने पूछा है कि, इस तरह के खुले हुए सूखे कुओं को ढंकने शासन क्या कदम उठा रहा है। रायगढ़ में हाथी की मौत के मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका की अलग सुनवाई चल रही है। हाल ही में बलौदाबाजार जिले में बीते सप्ताह बारनवापारा वन क्षेत्र के ग्राम हरदी में किसान के खेत में बने गहरे कुएं में चार हाथी गिर गए। सुबह खेतों की ओर जा रहे किसानों ने जब हाथियों की जोरदार चिंघाड़ सुनी, तो वे मौके पर पहुंचे और देखा कि चारों हाथी कुएं में फंसे हुए हैं। इसके बाद तुरंत वन विभाग को सूचना दी गई। विभाग की टीम जेसीबी मशीनों और स्थानीय साधनों के साथ मौके पर पहुंची और कुएं के किनारे मिट्टी काटकर रास्ता बनाते हुए वन विभाग की टीम ने 8 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी हाथियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच के सामने हस्तक्षेपकर्ता ने बताया कि बलौदाबाजार जिले के बारनवापारा अभयारण्य के ग्राम हरदी में तीन हाथी और एक शावक खुले सूखे कुएं में गिर गए थे, जिन्हें जेसीबी की मदद से बाहर निकाला गया। शासन द्वारा पेश शपथपत्र में बताया गया, प्रदेशभर में ऐसे करीब 20 हजार खुले सूखे कुएं मौजूद हैं, लेकिन इन्हें बंद करने या कवर करने के उपाय स्पष्ट नहीं बताए गए। इस पर हाईकोर्ट ने शासन से पूछा कि, इस प्रकार की घटनाएं कैसे हो रहीं हैं। वन्यजीवों की सुरक्षा करना भी वन विभाग की जवाबदारी है। हाईकोर्ट ने वन सचिव से इस बारे में शपथपत्र पर विस्तृत जवाब देने को कहा है। इसमें बताना होगा कि, इस प्रकार के कुओं को ढंकने के लिए विभाग क्या क्या कदम उठा रहा है। जनहित याचिका की अगली सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच ने 15 दिसंबर की तिथि तय कर दी है।
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