बिलासपुर। सड़कों पर बेसहारा छोड़े जा रहे मवेशियों से लगातार हादसों की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। कलेक्टर संजय अग्रवाल के निर्देश पर राजस्व, पशुपालन विभाग और कोटा नगर पंचायत की संयुक्त टीम ने अभियान चलाकर बेसहारा मवेशियों को गोठान पहुंचाया। साथ ही मालिकों की पहचान कर उनके खिलाफ थाने में शिकायत की गई। इस पर पुलिस ने चार मवेशी मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

गौरतलब है कि जिले में सड़क पर बैठे मवेशियों से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसमें जहां मवेशियों की जान जा रही है, वहीं बेकसूर राहगीर भी गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं। इस गंभीर समस्या पर हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार और प्रशासन को फटकार लगाई थी। इसके बाद कलेक्टर ने अधिकारियों की बैठक लेकर सड़क पर मवेशी छोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इस पर कोटा एसडीएम नितिन तिवारी की अगुवाई में संयुक्त टीम बनाई गई। टीम ने नगर के विभिन्न क्षेत्रों से मवेशियों को पकड़कर गोशाला भेजा। पशुपालन विभाग ने कान में लगे टैग के आधार पर मवेशियों के मालिकों की पहचान की। इसके बाद प्रशासन की ओर से थाने में शिकायत दर्ज कराई गई, जिस पर पुलिस ने मामला कायम किया।
इनके खिलाफ हुई कार्रवाई
टीम ने जिन मवेशी मालिकों की पहचान की है, उनमें सेमरचुआं निवासी नारायण मनकशाराम जायसवाल, निरतु निवासी संतोष कुमार सूर्यवंशी, रानीसागर निवासी राजेन्द्र चतुर्वेदी और रोशन प्रजापति शामिल हैं। इन चारों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। साथ ही एसडीएम कार्यालय से इन्हें नोटिस भी जारी किया गया है। अब इन्हें एसडीएम न्यायालय में पेश होकर जवाब देना होगा। प्रशासन की ओर से कहा गया है कि सड़क पर मवेशियों को बेसहारा छोड़ने की वजह से लोगों की जान जोखिम में पड़ रही है। इसलिए अब इस तरह के मामलों में समझाइश के बजाय सीधे आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।

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