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July 1, 2025 11:10 am

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एक आईपीएस की शार्ट फिल्म सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मचा रहा धमाल

जशपुर जिले के एसएसपी शशि मोहन सिंह द्वारा निर्देशित शार्ट फिल्म कजरी दे रहा युवतियों को संदेश और सतर्क रहने की हिदायत भी

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मानव तस्करी पर बनी फिल्म ‘कजरी’ का टीजर रिलीज: जागरूकता फैलाने की अनोखी पहल

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छत्तीसगढ़ ।जशपुर जिले के एसएसपी शशि मोहन सिंह ने मानव तस्करी जैसे संवेदनशील मुद्दे को लेकर एक अलग ही तरह की पहल की है। उन्होंने खुद इस विषय पर एक शॉर्ट फिल्म ‘कजरी: द बैटल फॉर फ्रीडम’ लिखी और उसका निर्देशन भी किया है। शनिवार को फिल्म का टीजर रिलीज हुआ, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

जशपुर जिले की भौगोलिक परिस्थिति और प्राकृतिक सौंदर्य का अपना अलग ही अंदाज है। प्रकृति की गोद में समाया जशपुर आदिवासियों की वह शरण स्थली है जिसमें समाज के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी निवास कर रहे हैं और घने जंगलों और वादियों के बीच अपना जीवन बीता रहे हैं। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जशपुर की जैसी प्रकृति है यहां के अल्हढ़ आदिवासी और अन्य समाज के लोगों का जीवन और रहन सहन भी वैसा ही अल्हढ़ और अनजान। यही कारण है कि यहां की भोले भाले आदिवासी युवाओं और बेटियों का जीवन उन लोगों के कारण संकट में फंस रहा है जो इनकी नादानी का बेजा फायदा उठाकर ऐसे दलदल में फेंक दे रहे हैं जहां से निकलना बेहद कठिन है। तब सिवाय खून के आंसू रोने और घुट-घुट कर जीने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता।

जशपुर के एसएसपी शशि मोहन सिंह को अपने कार्यकाल के दौरान जशपुर की आदिवासी बेटियों को सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए प्रेम के जाल में फंसाने वालों के अलावा अच्छी नौकरी और ऊंचे ख्वाब दिखाकर जशपुर की वादियों से निकालकर महानगर ले जाते हैं और वहां जाकर जब घिनौना हरकत की जानकारी मिलती है तब बेटियों के पास सिवाय पश्चाप के अलावा और कुछ नहीं रह जाता है। देह व्यापार जैसे भयावह और अंधेरी कोठरी में फंसकर एक तरह से बेटियों का जीवन तबाह हो जाता है।

एसएसपी शशिमोहन सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के ही फरेबियों से दूर रहने और झांसे में ना आने के लिए संदेश देने का जरिया बनाया है। उनका यह जरिया टाप पर रहा है। इन दिनों उनके बनाए शार्ट फिल्म की जमकर चर्चा हो रही है और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर हिट भी हो रही है।यह शार्ट फ़िल्म छ अप्रेल को रिलीज होगी ।

कजरी द बैटल फार फ्रीडम

जैसा की नाम है, शार्ट फिल्म भी उसी अंदाज में नजर आता है। पूरी फिल्म मानव तस्करी पर आधारित है। जशपुर की एक युवती को सोशल मीडिया के जरिए एक युवक से प्रेम हो जाता है। युवक उसे प्रेम के जाल में फंसाकर और सपने दिखाकर महानगर ले जाता है। महानगर ले जाकर उसे देह व्यापार में ढकेल देता है। एक युवती के सपनों का अंजाम इस कदर भयावह होता है कि वह सपने में नहीं सोच सकती। देह व्यापार में ढकेल दे गई युवती का पुलिस रेस्क्यू करती है और वापस घर लेकर आती है।

मार्मिक संदेश, जिसे सुनकर निकल आता है आंसू

शार्ट फिल्म में रेस्क्यू किए लड़की का संदेश भी दिखाया है। युवती संदेश देती है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म में भूलकर भी अनजान लोगों से दोस्ती ना करे और ऐसे लोगों के झांसे में भी ना आए। युवती सचेत करते हुए कहती है कि सोशल मीडिया में किसी भी अनजान व्यक्ति पर भरोसा ना करें के झांसे में ना आए वरना प्रेम के जाल में फँसा कर जिंदगी बर्बाद कर देंगे।

क्या कहा एसएसपी शशि मोहन सिंह ने Cbn36 से

फ़िल्म इंडस्ट्री में एसएसपी शशि मोहन सिंह का नाम जाना पहचाना है । फ़िल्मों का जुनून उन पर इस कदर हावी था कि वे पुलिस विभाग से अवकाश लेकर तीन साल तक छत्तीसगढ़ी ,भोजपुरी फ़िल्मों में अभिनय करते रहे इस दौरान उन्होंने कई हिट फ़िल्में दी जिसमे वर्दी वाला गुंडा काफ़ी चर्चित रही ।इसी दौरान अप्रैल 2012 में फिर से पुलिस विभाग में वापसी की और 2018 में उन्हें आईपीएस अवार्ड हुआ ।इसे महज़ एक संयोग कहे या कुछ और कि अप्रैल में 2025 में ही उनकी शॉर्ट फिल्म का टीजर रिलीज़ हुआ और 6 अप्रैल को फ़िल्म भी रिलीज़ हो रही है ।

शशि मोहन एक अच्छे पुलिस अधिकारी अभिनेता के अलावा लेखक और कवि भी हैं

शशि मोहन सिंह ने बताया कि फिल्म में एक युवती की कहानी है, जो तस्करी के जाल में फंसने के बाद खुद को आज़ाद कराने के लिए संघर्ष करती है। फिल्म के जरिए एसएसपी ने यह दिखाने की कोशिश की है कि कैसे एक मजबूत इच्छाशक्ति और सही मदद से कोई भी इंसान मुश्किल हालात से बाहर निकल सकता है।

उन्होंने कहा “मानव तस्करी एक गंभीर समस्या है, खासकर हमारे आदिवासी क्षेत्रों में। हम सिर्फ कार्रवाई से इसे खत्म नहीं कर सकते, इसके लिए समाज को जागरूक करना भी जरूरी है। यही सोचकर मैंने इस फिल्म बनाने का फैसला लिया।”

फिल्म की शूटिंग जशपुर और आसपास के इलाकों में की गई है। कलाकारों में कुछ स्थानीय लोग भी शामिल हैं। इस फिल्म में अहम किरदार निभाने वालो में निर्देशक: शशि मोहन सिंह (एसएसपी, जशपुर)
सह-निर्देशक: दीप्तिशिखा गुप्ता, आनंद पांडे कैमरामैन: राज ठाकुर सहायक कैमरामैन: आरिफ मेकअप आर्टिस्ट: वर्षा सोनी मुख्य कलाकार की भूमिका में एसएसपी शशि मोहन सिंह शन्नो जी – दिव्या नगदेवे
सीएसपी नंदिनी – आरवी सिन्हा कजरी – आकांक्षा टोप्पो निशार – शरद श्रीवास्तव आकाश – उत्कर्ष श्रीवास्तव बॉस – प्रवीण अग्रवाल टीआई – रवि तिवारी शामिल हैं,वही पुलिस विभाग से: पर्मा, नासिरुद्दीन
कजरी के पिता: पिंटू कैनसार रिपोर्टर: कुण्डन सिंह (क्लोज़िंग), दीपक व विकास अन्य पात्रो में बिट्टू (बिट्टू), लकी (दुर्गेश) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।

फिल्म को लेकर दर्शकों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। टीज़र को सोशल मीडिया पर भरपूर सराहना मिल रही है।

एसएसपी शशि मोहन सिंह की यह अनूठी पहल समाज के लिए प्रेरणा बनती जा रही है, जो यह दिखाती है कि एक पुलिस अधिकारी वर्दी से बाहर भी समाज के लिए कितना कुछ कर सकता है ।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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