नई दिल्ली, भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और संरचनात्मक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्यसभा ने ‘रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2025’ को पारित कर दिया। इस विधेयक के माध्यम से भारतीय रेलवे के संचालन को अधिक सुव्यवस्थित और दक्ष बनाया जाएगा।
उक्त जानकारी SECR के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुस्कर विपुल विलासराव ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से साझा की.जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार सदन में चर्चा के दौरान रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह विधेयक भारतीय रेलवे के सशक्तिकरण, दक्षता में वृद्धि और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम पहल है। उन्होंने सभी सांसदों को उनके समर्थन और विचारों के लिए धन्यवाद दिया।
बजट और सुधारों पर जोर
रेल मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा उन राज्यों में भी रेलवे के लिए पर्याप्त बजट आवंटित किया गया है, जहां सत्ताधारी दल की सरकार नहीं है। उन्होंने कहा कि केरल, तमिलनाडु, ओडिशा और पश्चिम बंगाल को पहले की तुलना में कई गुना अधिक बजट मिला है।
इसके साथ ही रेलवे ज़ोन के महाप्रबंधकों को अब ₹1,000 करोड़ तक की परियोजनाओं को मंजूरी देने की स्वतंत्रता दी गई है, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज और प्रभावी होगी।
भारतीय रेलवे में हुए प्रमुख सुधार
1. बुनियादी ढांचे का विस्तार
• पिछले 11 वर्षों में 34,000 किलोमीटर नई रेलवे पटरियां बिछाई गईं, जो जर्मनी के कुल रेल नेटवर्क से भी अधिक है।
• 45,000 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण किया गया, जिससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटी।
• 50,000 किलोमीटर पुरानी पटरियों को नई, उच्च गुणवत्ता वाली पटरियों से बदला गया।
2. सुरक्षा को प्राथमिकता
• रेलवे सुरक्षा में ₹1.14 लाख करोड़ का निवेश किया गया, जबकि पिछली सरकारों के दौरान यह केवल ₹8,000 करोड़ था।
• रेल फ्रैक्चर की घटनाओं में 91% की कमी आई। 2013-14 में 2,548 घटनाएं हुई थीं, जो अब न्यूनतम स्तर पर हैं।
• ‘कवच’ सुरक्षा प्रणाली लागू की गई, जिसे SIL-4 प्रमाणन प्राप्त है।
3. रोजगार और प्रशिक्षण
• एनडीए सरकार के दौरान 5,02,000 नौकरियां प्रदान की गईं, जबकि यूपीए शासन में यह संख्या 4,11,000 थी।
• रेलवे भर्ती परीक्षाएं पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित की गईं।
• आईजीओटी प्लेटफॉर्म पर रेलवे कर्मचारियों के लिए उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू किए गए।

4. यात्री सुविधाओं में सुधार
• 3,10,000 आधुनिक शौचालय रेलवे कोचों में स्थापित किए गए, जिससे स्वच्छता मानकों में सुधार हुआ।
• लोको पायलटों के लिए 558 रनिंग रूम अब पूरी तरह वातानुकूलित किए गए।
• नई पीढ़ी के इंजन अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित किए जा रहे हैं।
भीड़ प्रबंधन और आधुनिकरण की दिशा में नई पहल
रेल मंत्री ने रेलवे स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन की चुनौतियों को स्वीकारते हुए घोषणा की कि 60 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर पूर्ण एक्सेस कंट्रोल लागू किया जाएगा। इससे केवल कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को ही प्लेटफॉर्म पर प्रवेश मिलेगा।
इसके अलावा, उच्च भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए विशेष ट्रेनों की तैनाती की जाएगी।
नए रेलवे अधिनियम से क्या बदलेगा?
रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2025 औपनिवेशिक काल के पुराने प्रावधानों को हटाकर भारतीय रेलवे को अधिक आधुनिक बनाने की दिशा में लाया गया है।
• रेलवे बोर्ड के प्रावधान अब रेलवे अधिनियम, 1989 में शामिल किए गए हैं, जिससे दो अधिनियमों की जगह केवल एक अधिनियम का संदर्भ देना होगा।
• रेलवे बोर्ड, जोन, डिवीजन और उत्पादन इकाइयों की कार्यप्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन उनकी दक्षता और जवाबदेही को बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
‘विकसित भारत’ के लक्ष्य के लिए तीन गुना मेहनत का संकल्प
अपने संबोधन के अंत में, श्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘विकसित भारत’ के विजन को दोहराते हुए कहा कि रेलवे कर्मचारियों और सभी हितधारकों को पिछले एक दशक में रखी गई मजबूत नींव पर तीन गुना अधिक मेहनत करनी होगी।
यह विधेयक भारतीय रेलवे को अधिक सुरक्षित, कुशल और यात्रियों के लिए सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief