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July 1, 2025 7:03 pm

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भारत में हरित शहरी परिवहन को नया आयाम: 5वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ऑन ग्रीन मेट्रो सिस्टम 2025

नई दिल्ली।भारत में सतत शहरी परिवहन को गति देने और हरित तकनीक को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, 5वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ऑन ग्रीन मेट्रो सिस्टम 2025 का आयोजन नई दिल्ली स्थित मेट्रो भवन में किया गया। इस सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने किया, जिन्होंने दिल्ली मेट्रो की उपलब्धियों की सराहना करते हुए इसे “ग्रीन मेट्रो सिस्टम का एक मानक” बताया।

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इस कार्यक्रम में केंद्रीय ऊर्जा एवं आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल सहित कई गणमान्य व्यक्तियों, विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, उद्योग प्रतिनिधियों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। सम्मेलन में भारत और विदेश के विशेषज्ञों ने सतत शहरी परिवहन के लिए नवीन समाधानों और हरित नवाचारों पर विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर मंत्री ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC), इंडिया मेट्रो रेल ऑर्गेनाइजेशन सोसाइटी (IM), भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) को इस सम्मेलन के आयोजन के लिए बधाई दी और इसे शहरी परिवहन में हरित तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावी मंच बताया।

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दिल्ली मेट्रो: भारत में हरित परिवहन की पहचान

मंत्री ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन के यमुना बैंक से वैशाली खंड को कार्बन-न्यूट्रल प्रमाणन प्राप्त हुआ है। यह प्रमाणन दर्शाता है कि दिल्ली मेट्रो जलवायु परिवर्तन से निपटने और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के प्रति गंभीर रूप से प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में 395 किलोमीटर के नेटवर्क पर संचालित दिल्ली मेट्रो अपने फेज-IV के विस्तार के बाद 505 किलोमीटर तक विस्तृत हो जाएगी, जिससे यह भारत के सतत शहरी परिवहन के क्षेत्र में एक अग्रणी प्रणाली बनी रहेगी।

भारत का मेट्रो नेटवर्क: वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर

मंत्री ने कहा कि भारत सरकार शहरी परिवहन के सतत विकास को प्राथमिकता दे रही है। वर्तमान में भारत का मेट्रो नेटवर्क 1,000 किलोमीटर से अधिक हो चुका है, जिससे यह चीन के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बन गया है। यह नेटवर्क 11 राज्यों के 23 शहरों में फैला हुआ है और निरंतर विस्तार कर रहा है। सरकार की इस प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए, इस वर्ष के केंद्रीय बजट में शहरी विकास परियोजनाओं के लिए ऐतिहासिक धनराशि आवंटित की गई है।

जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत की अग्रणी भूमिका

यह सम्मेलन भारत की मेट्रो प्रणाली और अन्य सार्वजनिक परिवहन साधनों को और अधिक हरित एवं ऊर्जाहरित शहरी गतिशीलता और स्थिरता को बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।”

यह सम्मेलन भारत की मेट्रो प्रणाली और अन्य सार्वजनिक परिवहन साधनों को और अधिक हरित एवं ऊर्जाहरित शहरी गतिशीलता और स्थिरता को बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।”

मंत्री ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौती से निपटने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। देश पहले ही 2030 तक कार्बन उत्सर्जन तीव्रता को 2005 के स्तर की तुलना में 33-35% तक कम करने का लक्ष्य हासिल कर चुका है। उन्होंने बताया कि 2014 के बाद से भारत की हरित ऊर्जा क्षमता में जबरदस्त वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत ने 70 गीगावाट से बढ़कर 170 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल कर ली है और पेरिस समझौते के 2030 लक्ष्य से पहले ही 40% नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है।

भारत आज पवन ऊर्जा क्षमता में विश्व में चौथे स्थान पर है और सौर ऊर्जा क्षमता में 20 गुना वृद्धि कर चुका है। यह उपलब्धि देश की नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

हरित शहरी गतिशीलता की ओर मजबूत कदम

मंत्री ने कहा, “भारत के विकास के इस अमृत काल में, सरकार हरित शहरी गतिशीलता और स्थिरता को बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।” यह सम्मेलन भारत की मेट्रो प्रणाली और अन्य सार्वजनिक परिवहन साधनों को और अधिक हरित एवं ऊर्जा-संवहनीय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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