कलेक्टर के आदेश पर इस कथित भाजपा नेता के अवैध कब्जे पर तहसीलदार ने बुलडोजर चलवा कर सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराया
बिलासपुर— देश के सबसे बड़े छठ घाट मे हर वर्ष छठ महापर्व शांति पूर्वक और अनुशासन के साथ मनाया जाता रहा है क्योकि छठ पूजा आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं प्रमुख पदाधिकारी निर्विवाद और स्वच्छ छवि वाले रहे है लेकिन इस बार. छठ पूजा आयोजन समिति से अलग एक प्रमुख संस्था पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच के वर्तमान अध्यक्ष ने ऐन छठ पर्व की शुरुवात मे ही अपनी संदिग्धता को जगजाहिर कर दिया है।दरअसल कोरोना काल मे पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच के अध्यक्ष ने 5 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर उसे सरकारी रिकार्ड मे अपने नाम पर दर्ज करवा लिया था ऐसे विवादास्पद व्यक्ति को विकास मंच के अध्यक्ष पद पर नैतिकता के नाते नही बने रहना चाहिए। हालांकि सीपत तहसीलदार ने कलेक्टर और एसडीएम आदेश पर पंधी खजूरी स्थित सरकारी जमीन को बुलडोजर चलाकर मुक्त करा दिया है। यह उल्लेखनीय है कि सड़क किनारे स्थित सरकारी जमीन पर पाटलीपुत्र संस्कृति विकास मंच के अध्यक्ष धर्मेन्द्र दास और नरेन्द्र दास ने कब्जा कर लेने का दुस्साहस किया था। इस बात की शिकायत और जानकारी के बाद एसडीएम अमित सिन्हा ने कलेक्टर के आदेश पर रिकार्ड दुरूस्त कर अवैध कब्जा हटाने का आदेश दिया। सीपत तहसीलदार सोनू अग्रवाल ने सरकारी के साथ निजी जमीन को भी बुलडोजर कार्रवाई कर धर्मेंद्र दास और नरेन्द्र दास द्वारा किये गये सरकारी जमीन पर कब्जे को मुक्त करा दिया है। सवाल यह है इन्होने किसकी शह पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर लेने की दुष्टता की थी?
कलेक्टर अवनीश शरण के आदेश पर सीपत तहसील अंतर्गत पंधी खजुरी गांव में अतिक्रमण किये गए सरकारी जमीन को एसडीएम ने खाली करवाया है। तहसीलदार सोनू अग्रवाल ने बुलडोजर चलाकर सरकारी पर बनाये गए निर्माण को ध्वस्त करवा दिया है। साथ ही कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए तहसीलदार ने एसडीएम के आदेश पर निजी जमीन पर किये गये बलात कब्जे को भी खाली करवा दिया है।
यह उल्लेखनीय है कि कोरोना काल काल का बेजा फायदा उठाते हुए पंधी खजुरी स्थित सड़क से लगी बेश् कीमती सरकारी जमीन पर पाटलीपुत्र संस्कृति विकास मंच के अध्यक्ष धर्मेन्द्र दास और नरेन्द्र दास ने अपने खाते में चढ़वा लिया था । कब्जा की गयी सरकारी जमीन से लगी दोनों की निजी जमीन स्थित है। मामले में शिकायत के बाद कलेक्टर के आदेश पर सुनवाई करते हुए मस्तूरी एसडीएम अमित सिन्हा ने दर्ज रोड रास्ता की जमीन को अवैध कब्जे से हटाया और सरकारी जमीन को शासन के खाते में चढ़ाया। साथ ही सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाये गए निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश दिया। मंगलवार को आदेश पर अमल करते हुए सीपत तहसीलदार ने बाउन्ड्रीवाल समेत अन्य निर्माण पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया।
इसके अलावा कोर्ट के आदेश पर संजय दुआ की खसरा नम्बर 89/5,89/8 और 89/9 की जमीन पर कब्जा कर बनाए गये डेयरी को भी हटाया गया। यद्यपि डेयरी को पहले ही हटा लिया गया था। लेकिन अभी तक पाटलीपुत्र संस्कृति विकास मंच के अध्यक्ष धर्मेन्द्र दास ने कब्जा नही छोड़ा था। एसडीएम आदेश पर तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर निर्माण पर बुलडोजर चलवाया और करीब पांच एकड़ जमीन खाली कराया गया।
इस बारे में एसडीएम मस्तूरी का कहना था कि कलेक्टर का स्पष्ट आदेश है कि सरकारी जमीन पर किसी को बलात अतिक्रमण नहीं करने दिया जाएगा। आदेश मिलने पर हमने अभियान चलाकर तहसीलदार और राजस्व अमले के साथ अतिक्रमण खाली कराया है। साथ ही सख्त निर्देश भी दिया गया है कि नियम के खिलाफ किए गये किसी भी अतिक्रमण को बर्दास्त नहीं किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर कठोर कार्रवाई करेंगे। सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले धर्मेंद्र दास और नरेन्द्र दास खुद को भाजपा का नेता बताते है तो दूसरी ओर भाजपा के नेता कांग्रेस नेताओं को भूमाफिया बताते नही आघाते। पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच के पूर्व अध्यक्षों पर इस तरह के कोई आरोप नही लगे है लेकिन वर्तमान अध्यक्ष ने सरकारी जमीन को हड़पने जो चाल चली थी उसका जिला प्रशासन ने न केवल भंडाफोड़ किया बल्कि सरकारी और निजी जमीन को मुक्त करवाकर यह संदेश भी दिया है कोई भी व्यक्ति किसी सामाजिक संस्था का अध्यक्ष होने की आड़ मे सरकारी जमीन नही हथिया सकता। ऐसी स्थिति मे नैतिकता के नाते पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच के अध्यक्ष को तत्काल पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।क्योकि अध्यक्ष के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई से संस्था की फ़जीहत तो हो चुकी ।