विलासपुर। हिन्दी साहित्य के मूर्धन्य व्यक्तित्व डॉ चंद्रकुमार जैन जी का सोमवार को बिलासपुर में आकस्मिक निधन हो गया । 64 वर्षीय श्री जैन कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे ।
हिन्दी मंच के ओजस्वी आवाज़ के रूप डॉ जैन की व्यापक ख्याति रही । साहित्यिक मंचों में उनके संचालन के लोग मुरीद रहे । जैन समाज के अग्रज
व्यक्तित्व के रूप में उनकी छवि बेहद सम्माननीय रही ।
छत्तीसगढ़ का राजनांदगाँव उनकी कर्मभूमि रही । श्री चन्द्रकुमार जैन ने जैन पब्लिक स्कूल से अपने कैरियर की शुरुआत की तथा वे प्रतिष्ठित दिग्विजय कॉलेज, राजनांदगाँव के विभागाध्यक्ष (हिन्दी) के पद से सेवानिवृत्त हुए । उन्हें छत्तीसगढ़ शासन की ओर से उन्हें ‘यति यतन लाल अहिंसा सम्मान’ से भी नवाज़ा गया ।
डॉ चन्द्रकुमार जैन, रचनाधर्मिता को समर्पित रहे तथा काव्य-संग्रह सहित उनकी कई साहित्यिक पुस्तकें प्रकाशित हैं ।
डॉ चन्द्रकुमार जैन के पुत्र हिमांशु जैन इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस (रेलवे) के अधिकारी हैं तथा वर्तमान में सार्वजनिक उपक्रम एसईसीएल के मुख्य सतर्कता अधिकारी हैं ।
डॉ चन्द्रकुमार जैन का अंतिम संस्कार विधि-विधान के साथ , बिलासपुर के सरकंडा मुक्तिधाम में आज मंगलवार को प्रातः 11 बजे सुनिश्चित किया गया है ।