रायपुर।आरआई प्रमोशन घोटाला प्रकरण ब्यूरो के अपराध क्रमांक 64/2025, धारा-7 सी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम 2018 एवं 420, 467, 468, 471, 120बी भा.द.वि. 18.11.2025 को पंजीबद्ध किया गया। इस तारतम्य में परीक्षा संचालन समिति के अंतर्गत प्रश्न पत्र मुद्रण एवं वितरण कार्य में लगे हुए अधिकारी , कर्मचारी तथा प्रमोशन दिलाने के लिये लायजनिंग कार्य में लगे हुए राजस्व अधिकारियों के निवास स्थानों,परिसरों-रायपुर में 10, गरियाबंद में 01, बेमेतरा में 01, बिलासपुर में 01, कांकेर में 01, बस्तर में 01, सरगुजा में 04, इस प्रकार कुल 19 विभिन्न स्थानों पर आज 19.11.2025 को छापे की कार्यवाही कर तलाशी ली गई। तलाशी पर उनके निवास/परिसरों से डिजिटल साक्ष्य, लेनदेन संबंधी एग्रीमेंट तथा अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। प्राप्त दस्तावेजों का विश्लेषण एवं अग्रिम वैधानिक कार्यवाही जारी है।
राजस्व विभाग ने परीक्षा से पहले पटवारियों को एक जगह बिठाकर उनसे प्रश्नपत्र साल्व कराया गया। आरोप है कि राजस्व विभाग के अफसरों ने 10-10 लाख लेकर पटवारियों को रेवेन्यू इंस्पेक्टर बना दिया। सबसे गंभीर अरोप यह है कि परीक्षा से पहले पेपर लीक किया गया और जिन लोगों से पैसा लिया गया था, उन्हें एक जगह बिठाकर पेपर हल कराया गया।
कमिश्नर लैंड रिकार्ड आफिस ने इस परीक्षा को आरगेनाइज किया था। अफसरों ने परीक्षार्थियों से उत्तरपुस्तिका में मोबाइल नंबर लिखवा लिया। मोबाइल नंबर लिखवाने का उद्देश्य यह था कि परीक्षा बाद पटवारियों से संपर्क कर पास करने के लिए डील की जा सके। देश में ऐसा कोई भी परीक्षा नहीं होती, जिसमें आंसर शीट पर मोबाइल नंबर लिखा जाता हो। अगर परीक्षार्थी की पहचान उजागर हो गई तो फिर परीक्षा की गोपनीयता का मतलब क्या रहा।आरआई चयन परीक्षा में पटवारियों से पैसे लेकर पास करके रेवेन्यू इंस्पेक्टर बनाने की उच्च स्तर तक शिकायतें हुई। विष्णुदेव सरकार ने इस घोटाले की जांच का आदेश दिया। सचिव स्तर के आईएएस केडी कुंजाम की अध्यक्षता में सरकार ने जांच कमिटी बनाई।
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