बिलासपुर।। सिम्स व सरकारी अस्पतालों की दुर्व्यवस्था को लेकर चल रही जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान सीजीएमएससी ने कोर्ट में बताया कि, जेम पोर्टल में टेंडर के लिए 3 से अधिक बीट नहीं आने पर यह अपने आप ही आगे बढ़ जाता है। डीविजन बेंच ने सीजीएमएससी के एमडी से शपथपत्र के साथ जानकारी पेश करने कहा है। जनहित याचिका की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 9 दिसंबर की तिथि तय कर दी है।
मीडिया में प्रकाशित समाचार में 15. करोड़ रुपये की स्वीकृति के बावजूद सिम्स बिलासपुर में उच्च तकनीक वाली मशीनें उपलब्ध न होने के संबंध में उपचार में आ रही दिक्कतों की जानकारी दी गई थी। हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। यायालय के निर्देशों के अनुसार, सिम्स के डीन, स्वास्थ्य विभाग के सचिव और सीजीएमएससीएल के प्रबंध निदेशक ने शपथपत्र दायर किए और उन पर विचार करने के बाद, कोर्ट ने 18-सितंबर 2025 के आदेश द्वारा यह टिप्पणी की थी कि सभी हितधारक यथाशीघ्र संयुक्त प्रयास करें और आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी करें ताकि धनराशि जारी की जा सके और आवश्यकतानुसार मशीनें खरीदी जा सकें, जिससे अंततः आम जनता को लाभ हो सके। सुनवाई में सीजीएमएससी की ओर से उनके अधिवक्ता ने बताया कि, जेम पोर्टल में टेंडर के लिए 3 से अधिक बीट ही आने पर यह अपने आप ही आगे बढ़ जाता है। इस बार कम बीट आई थी इस वजह से टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने सीजीएमएससी के मेनेजिंग डायरेक्टर से शपथपत्र पेश मनवाते हुए अगली सुनवाई 9 दिसंबर को तय की है।
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