बिलासपुर छत्तीसगढ़ ।राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गति शक्ति विश्वविद्यालय जीएसवी और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ ने स्मार्ट तकनीकी समाधान विकसित करने के लिए आपसी सहयोग पर आधारित एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह हस्ताक्षर समारोह नई दिल्ली में डीआरडीओ अध्यक्ष एवं रक्षा अनुसंधान एवं विकास सचिव डॉ. समीर वी. कामत की उपस्थिति में संपन्न हुआ।

डॉ. कामत ने इस अवसर पर कहा कि यह सहयोग स्वदेशी रक्षा प्रणालियों की तैनाती के लिए अत्याधुनिक तकनीकी समाधान विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
लॉजिस्टिक्स, चिप डिजाइन और उन्नत एन्क्रिप्शन पर संयुक्त अनुसंधान
समझौता ज्ञापन के अनुसार दोनों संस्थान निम्न प्रमुख क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान एवं विकास कार्य करेंगे—
लॉजिस्टिक्स प्रबंधन एवं परिचालन विश्लेषण
सामरिक, परिचालन और रणनीतिक स्तर पर सैन्य लॉजिस्टिक्स की अवधारणाओं का अध्ययन एवं सत्यापन
चिप डिजाइन और हार्डवेयर सुरक्षा
होमोमोर्फिक तथा ब्लॉकचेन आधारित उन्नत एन्क्रिप्शन तकनीकों पर अनुसंधान
विशेषज्ञों के अनुसार, यह सहयोग भारतीय रक्षा तंत्र में उभरती तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए क्षमता निर्माण
समझौते का एक प्रमुख उद्देश्य परिचालन एवं सैन्य विज्ञान, परिचालन प्रबंधन, तथा तकनीकी अनुसंधान के क्षेत्रों में शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों की क्षमता को बढ़ाना है।
इसके तहत संयुक्त रूप से अनुसंधान परियोजनाएँ संगोष्ठियाँ एवं सम्मेलन क्षमता निर्माण कार्यक्रम गोलमेज कार्यशालाएँ आयोजित की जाएंगी।
समझौता ज्ञापन पर जीएसवी के कुलपति प्रो. मनोज चौधरी और डीआरडीओ के विशिष्ट वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी प्रबंधन महानिदेशक डॉ. लाल चंद मंगल ने हस्ताक्षर किए।
रक्षा बलों के साथ पूर्व सहयोग को मिलेगी मजबूती
गति शक्ति विश्वविद्यालय पहले से ही भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के साथ परिचालन और लॉजिस्टिक्स अनुसंधान एवं प्रशिक्षण के क्षेत्र में जुड़े हुए हैं। डीआरडीओ के साथ नई साझेदारी इस सहयोग को और अधिक मजबूत बनाएगी और रक्षा क्षेत्र में उच्चस्तरीय अनुसंधान को गति देगी।
परिवहन एवं परिचालन क्षेत्र में देश का पहला विश्वविद्यालय
संसद के 2022 के अधिनियम द्वारा स्थापित गति शक्ति विश्वविद्यालय परिवहन और परिचालन क्षेत्रों में देश का पहला केंद्रीय विश्वविद्यालय है। रेल मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में संचालित यह संस्थान रेलवे, राजमार्ग, बंदरगाह, विमानन, शहरी परिवहन तथा आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क जैसे व्यापक क्षेत्रों में प्रशिक्षण और अनुसंधान प्रदान करता है।विश्वविद्यालय के कुलाधिपति केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव हैं।
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