बिलासपुर। लाल बहादुर शास्त्री स्कूल मैदान में रविवार को 48वां रावत नाचा महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। आयोजन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पारंपरिक रावत नाचा वेशभूषा में शामिल होकर कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। आगमन पर महोत्सव के संरक्षक डॉ. कालीचरण यादव और समिति सदस्यों ने पुष्पहार पहनाकर मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री और अतिथियों ने भगवान कृष्ण के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की।
महोत्सव में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव, तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह, बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला, चंद्रपुर विधायक रामकुमार यादव, कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव, मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया और महापौर पूजा विधानी सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंच से कलाकारों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि रावत नाचा छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक समृद्धि और सामाजिक एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा यदुवंशी समाज वह समाज है जहाँ प्रभु कृष्ण ने अवतार लिया। हमारी नृत्य गायन परंपरा समाज को जोड़ने की सशक्त धरोहर है।मुख्यमंत्री ने तेल फूल में लइका बाढ़े…दोहे के साथ नर्तन दलों को आशीर्वचन भी दिया।
केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने रावत नाचा को यदुवंशी समाज की वीरता, कला और सांस्कृतिक गर्व का अद्भुत प्रदर्शन बताया। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि 48 वर्षों से यह परंपरा जीवित रखना समाज की एकजुटता और सांस्कृतिक गर्व का परिचायक है। बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल ने कहा कि यह महोत्सव बिलासपुर की गौरवशाली सांस्कृतिक परंपरा है, जिसका संरक्षण समिति द्वारा निरंतर किया जा रहा है।
स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने कहा कि बिलासा की पावन धरा पर रावत नाचा महोत्सव का आयोजन पूरे समाज के लिए सौभाग्य की बात है। महोत्सव के संरक्षक डॉ. कालीचरण यादव ने स्वागत उद्बोधन में इस सांस्कृतिक धरोहर की 47 वर्षों की परंपरा पर प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री नर्तक दलों के साथ थिरके

कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण रहा जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय रावत नर्तक दलों के बीच पहुंचे और ढोल नगाड़ों की गूंजती धुन में उनके साथ झूम उठे। उन्होंने कलाकारों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि रावत नाचा आने वाली पीढ़ियों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने की प्रेरणा देता रहेगा।
कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री रात 10:58 बजे सड़क मार्ग से रायपुर के लिए रवाना हुए।
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