बिलासपुर। हत्या के मामले में सजा काट रहा बंदी मुकेश कांत एक बार फिर चर्चा में है। पैरोल से फरार होने और जेल में उपद्रव मचाने के बाद अब उसने जेल कर्मियों पर अवैध वसूली के आरोप लगाए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीआईजी जेल एसएस तिग्गा जांच कर रहे हैं।

मस्तूरी क्षेत्र के मल्हार में रहने वाला मुकेश कांत (41) वर्ष 2013 से हत्या के अपराध में सजा काट रहा है। वह 2020 में पैरोल पर बाहर आने के बाद फरार हो गया था। तीन साल बाद 2023 में उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया। बिलासपुर जेल में बंद रहने के दौरान उसने रंगदारी और कैदियों से मारपीट की घटनाओं को अंजाम दिया, जिसके चलते जनवरी 2024 में उसे अंबिकापुर जेल शिफ्ट किया गया। अंबिकापुर जेल में भी उसके व्यवहार में बदलाव नहीं आया। उस पर कई बार जेल अपराध दर्ज किए गए। जेल में चार अक्टूबर को तबियत खराब होने की शिकायत पर उसे पुलिस गार्ड की निगरानी में अंबिकापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। दो दिन बाद छह अक्टूबर को वह गार्ड को चकमा देकर अस्पताल से फरार हो गया। अंबिकापुर पुलिस उसकी तलाश कर रही थी, इसी बीच सात अक्टूबर को उसने बिलासपुर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया। अगले दिन जब अंबिकापुर पुलिस उसे लेने बिलासपुर पहुंची, तो उसने दर्द निवारक दवाएं और सैनिटाइजर पीने की बात कही, जिसके बाद उसे सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। माना जा रहा है कि वह किसी भी तरह बिलासपुर जेल में ही रहना चाहता है क्योंकि उसका घर यहीं है। इधर उसकी पत्नी ने अंबिकापुर जेल स्टाफ पर पैसों की मांग और प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। मामले की जांच डीआईजी जेल एसएस तिग्गा को सौंपी गई है। वहीं, बंदी के फरार होने की लापरवाही पर आरक्षक मदन पैकरा को एसपी सरगुजा ने निलंबित कर दिया है। बंदी फिलहाल सिम्स में भर्ती है और स्वास्थ्य सुधार के बाद उसे अंबिकापुर जेल भेजा जाएगा। साथ ही, उसे किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने का आदेश भी जारी किया जा रहा है।

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