बिलासपुर। हाई कोर्ट ने विदेशी शराब पर आयात शुल्क के लिए दिए गए नोटिस को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दी हैं। जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने कहा है कि मध्यप्रदेश अब अलग इकाई है। ऐसे में वहां से कारोबार अंतरराज्यीय माना जाएगा। इस पर आयात शुल्क की मांग अनुचित नहीं है।
हाई कोर्ट ने वर्ष 2001 में लगाई गई दो याचिकाओं पर यह फैसला दिया है। बिलासपुर के शराब कारोबारी ने आबकारी विभाग के नोटिस को चुनौती दी थी। वर्ष 2001 में लगाई गई याचिकाओं पर करीब 25 बाद फैसला आया है।
शराब के कारोबार से जुड़े बिलासपुर के गोल्डी वाइन प्राइवेट लिमिटेड और सतविंदर सिंह भाटिया को सहायक आयुक्त (आबकारी), बिलासपुर ने 1 अप्रैल 2000 से 31 मार्च 2001 तक मंगाई गई विदेशी शराब पर आयात शुल्क की मांग करते हुए नोटिस जारी किया था। दोनों ने इसे वर्ष 2001 में हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
याचिका में तर्क दिया था कि उन्हें पूर्व में एनओसी के आधार पर माल परिवहन की अनुमति दी गई थी, इसलिए अब आयात शुल्क नहीं मांगा जा सकता। यह भी कहा कि जिस अवधि में शराब का परिवहन किया गया, वह राज्य पुनर्गठन से पहले की है, और उस समय किसी अतिरिक्त शुल्क की बात नहीं थी।उन्होंने यह भी तर्क दिया कि अगर पिछली तारीख से शुल्क वसूला गया, तो उन्हें भारी नुकसान होगा।

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