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July 16, 2025 1:53 pm

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कानाफूसी

भाजपा के शीर्ष नेताओं को हिदायत देने की जरुरत ही क्यों पड़ी

तीन दिनों तक मैनपाट में छत्तीसगढ़ की भाजपाई राजनीति सरगर्म रही। घनघोर बारिश के मौसम और बरसात के बीच मैनपाट की सियासी हलचल और गर्मी पूरे प्रदेशभर में महसूस की गई। ये अलग बात है कि इसकी गर्माहट से आम आदमी और विपक्षी नेता व कार्यकर्ता कम, सत्ताधारी दल के दिग्गज कुछ ज्यादा महसूस कर रहे थे। राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय महामंत्री सभी ने सदाचार और सदव्यवहार पर जोर दिया। भ्रष्ट आचरण से दूर रहने की हिदायत देते रहे। कांग्रेस शासनकाल के दौरान जो कुछ हुआ, धोखे से मौजूदा सरकार में इस तरह की घटना घट जाती है तो बात दूर तलक तो जाएगी ही, पार्टी पर ऐसी कालिख लगेगी जिसे छत्तीसगढ़ में धोने में बरसों बरस लग जाएंगे। देखने वाली बात यह रहेगी कि दिल्ली से आए दिग्गज मेहमानों की हिदायत,सीख और समझाइश का कितना असर पड़ेगा। जीरो टालरेंस वाकई जीरो रहेगा या फिर वन टू थ्री सहित भी कुछ नंबर।

नगरीय प्रशासन विभाग के क्या कहने


नगरीय प्रशासन विभाग में जो ना हो कम ही है। अब देखिए ना सीएम सहित पूरी सरकारी ई आफिस के जरिए अपना कामकाज निपटा रही है। यहां तक ट्रांसफर पोस्टिंग का आदेश भी ई आफिस के जरिए जारी किया जा रहा है। नगरीय प्रशासन विभाग अपनी ढपली अपना राग की तर्ज पर अपना ही चला रहा है। विभागीय अफसर हैं कि सरकार की भी नहीं मान रहे हैं और सुन भी नहीं रहे हैं। गांधी जी के तीन में से दो बंदरों को रोल माडल बना लिया है। बात यहीं तक रहती तो भी ठीक ही थी,आगे निकल गई है। ट्रांसफर पोस्टिंग में ई आफिस के बजाय आफ लाइन आदेश जारी कर दिया है। आदेश में ऐसे लोगों के नाम हैं जिसे सुनकर और पढ़कर आप भी दंग रह जाएंगे। कर्मचारियों को सीएमओ की कुर्सी सौंप दी है। सीएमओ की कुर्सी लायक अफसर धूल फांक रहे हैं। आपके लिए तो इशारा ही काफी है। इस तरह के उपकार के पीछे का मकसद और टारगेट क्या हो सकता है।

वेटिंग इन मिनिस्टर, जल्द आने वाली है बारी


चिंतन शिविर के समापन के बाद अब विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर उलटी गिनती शुरू हो चूकी है। इस बीच एक उड़ती खबर भी सामने आने लगी है। सीएम विष्णुदेव साय की टीम में चेहरों को एडजस्ट करने की अटकलबाजी लगने लगी है। हर बार की तरह इस बार की बातों और अटकलों में ज्यादा ही दम दिखाई दे रहा है। वेटिंग इन मिनिस्टर्स के चेहरे और बाडी लैंग्वजे भी बता रहा है कि कुर्सी उनका इंतजार कर रही है। चर्चा और अटकलबाजी के बजाय सत्ता के गलियारे से निकलकर सामने आ रही बातों पर भरोसा करें तो मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में नए चेहरे नजर आएंगे। राजनीति हो या फिर और कोई भी सेक्टर, हां ना की गुंजाइश तो थोड़ी बनी रहती है, गुंजाइश के बीच भी इस बार कुछ होगा ही। चर्चा के इस दौर में बता दें कि बिलासपुर जिले की दमदार भागीदारी रहेगी।

सब निपटेंगे बारी-बारी


छत्तीसगढ़ में एक दो रुपये या एक दो लाख का शराब घोटाला नहीं हुआ है। पूरे 3200 करोड़ का घोटाला हुआ है। घोटालेबाजों में आईएएस से लेकर कारोबारी और अब एक्साइज अफसरों के नाम भी शामिल हो गए हैं। ईओडब्ल्यू के चार्जशीट पेश करने के बाद सरकार एक्शन मोड पर आ गई है। निलंबन आदेश जारी हो गया है। 22 एक्साइज अफसर एक साथ निपट गए हैं। सभी को सस्पेंड कर दिया गया है। कमीशनखोरी और घोटालेबाजी के आरोप में निपटे अफसरों का सीआर खराब होगा सो अलग, समाज और घर में आंख मिलाने की स्थिति में भी नहीं रह पाएंगे। घपला और घोटालेबाजों और कमीशनखोरों को समाज ऐसे भी तरजीह नहीं देता। अब तो सरकार ने भी अपने मुलाजिम को रास्ता दिखा दिया है। कहने वाले तो यह भी कह रहे हैं कि चिंता मत करिए सब निपटेंगे बारी-बारी।

अटकलबाजी


चिंतन शिविर में दिग्गज भाजपाइयों की चिंता के बीच छत्तीसगढ़ के कौन भाजपाई एमएलए हैं जिनको राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जमकर फटकार लगाई। किस बात के लिए फट पड़े थे राष्ट्रीय अध्यक्ष।

शराब घोटाले में फंसे एक्साइज अफसरों के सस्पेंशन आर्डर निकलने से जूनियर मुलाजिम क्यों खुश हो रहे हैं। मिठाई बंटने की भी खबरें आ रही हैं। कारण आप पता लगाइए।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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