छत्तीसगढ़ ।बिलासपुर की धरती एक बार फिर सांस्कृतिक रंगों से सराबोर हो उठी जब जश्न-ए-ज़बाँ नामक दो दिवसीय साहित्यिक-सांस्कृतिक महोत्सव का भव्य शुभारंभ हुआ। यह आयोजन संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन और एसईसीएल के विशेष सहयोग से श्री साईनाथ फाउंडेशन द्वारा नृत्यधारा फाउंडेशन व नभअनंत फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हो रहा है।

प्रथम दिवस की प्रस्तुतियों ने न्यायधानी के सांस्कृतिक प्रेमियों को एक अविस्मरणीय शाम दी। कोलकाता से पधारे कत्थक कलाकार राजीब घोष व उनके समूह ने शुद्ध लय-ताल और भाव-भंगिमाओं से भरपूर प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं, ओडिशा की सांस्कृतिक छटा लिए आँचल पांडेय की ओडीसी नृत्य प्रस्तुति ने मंच पर मोहक रंग बिखेरे।

कार्यक्रम में युवा कवि सम्मेलन भी आकर्षण का केंद्र रहा, जिसमें अनिल राय, केसीका साहू, आरव शुक्ला, प्रेमिश शर्मा, श्रीकुमार पाण्डेय व उमाकांत टैगोर की रचनाओं ने श्रोताओं की खूब सराहना बटोरी,आयोजित कार्यक्रम में लोकगायिका आरु साहू की संगीतमय प्रस्तुति ने देर रात तक उपस्थित जनसमूह को बांधे रखा।

बिलासपुर गौरव सम्मान’ में हुई विशिष्ट हस्तियों की सराहना
बिलासपुर गौरव सम्मान के तहत अतिथियों ने विभिन्न व्यक्तियों व संस्थाओं का सम्मान भी किया, जिनमें साहित्य हेतु डॉ. विनय कुमार पाठक, रश्मीलाता मिश्रा, द्वारिका प्रसाद अग्रवाल, सामाजिक संस्था धिति वेलफेयर फाउंडेशन, ख़्वाब वेलफेयर फाउंडेशन प्रमुख रहे।
वाद्ययंत्रों की जुगलबंदी ने बिखेरा सुरों का जादू
संगीतमय प्रस्तुतियों में सितार वादक डॉ. आनंद कुमार मिश्रा, सारंगी वादक अंकित मिश्रा, कीबोर्ड पर कन्हैया पाण्डेय व तबला वादक आनंद मिश्रा की सामूहिक प्रस्तुति ने श्रोताओं को तालियों से सराबोर कर दिया।
छत्तीसगढ़ी गीतों में अश्लीलता पर सत्र में हुई गंभीर चर्चा
महोत्सव के दौरान आयोजित महत्वपूर्ण परिचर्चा सत्र में छत्तीसगढ़ी गीतों में बढ़ती अश्लीलता विषय पर विचारोत्तेजक संवाद हुआ। इस सत्र में प्रसिद्ध लोककवि मीर अली मीर और लोककर्मी डॉ. सोमनाथ यादव ने अपने विचार स्पष्ट रूप से रखते हुए लोकसंस्कृति की शुद्धता बनाए रखने पर ज़ोर दिया। सत्र का कुशल संचालन युवा संस्कृतिकर्मी आशीष राज सिंघानिया ने किया, जिन्होंने विषय को संतुलित दृष्टिकोण से प्रस्तुत करते हुए वक्ताओं और श्रोताओं को जोड़कर रखा।
अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति ने बढ़ाया आयोजन का मान

इस अवसर पर कई विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित रहे जिनमें एसईसीएल के सीएमडी हरीश दुहन, श्रद्धा महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती शशि दुहन, एएसपी ट्रैफ़िक रामगोपाल करियारे एएसपी ग्रामीण श्रीमती अर्चना झा, अपर कलेक्टर प्रेमप्रकाश शर्मा, आयकर विभाग संबलपुर (उड़ीसा) के असिस्टेंट कमिश्नर ए.आर. सूर्यवंशी तथा नभअनंत फाउंडेशन के संस्थापक नितिन त्रिपाठी शामिल रहे
इस संबंध में आयोजकों ने बताया कि जश्न-ए-ज़बाँ का उद्देश्य छत्तीसगढ़ की लोकपरंपराओं को नई पीढ़ी तक सही रूप में पहुँचाना है।

प्रधान संपादक
