दुर्ग। छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर कार्रवाई करने के लिए पुलिस की ओर से विशेष अभियान चलाया। अभियान के तहत जिले के विभिन्न क्षेत्रों में दबिश देकर संदिग्ध लोगों की जांच की गई।
बंगलादेशी नागरिको और रोहिंग्या की तलाश के लिए गठित विशेष टीम ने फैक्ट्रियों, लकड़ी चीर मशीनों, भीड़भाड़ वाले रहवासी इलाकों और किरायेदारों की जांच की। छावनी अनुविभाग के ट्रांसपोर्ट नगर हथखोज व पुरैना क्षेत्र में 65 लोगों की जांच की गई, जिनमें से 15 संदिग्धों के फिंगरप्रिंट लिए गए। वहीं, भिलाई नगर अनुविभाग के कांट्रेक्टर कॉलोनी, पुरानी बस्ती और पांच रास्ता क्षेत्र में 201 किरायेदारों की जांच हुई। इनमें ज्यादातर लोग आसपास के जिलों से आए थे। जांच में कोई संदिग्ध नहीं मिला, हालांकि मकान मालिकों को किरायेदार की पूरी जानकारी लेकर थाने में सूचना देने की हिदायत दी गई। पाटन अनुविभाग के अंतर्गत उतई थाना क्षेत्र के ग्राम डुमरडीह, महकाकला में स्थित विजय पांडे की प्लाईवुड फैक्ट्री, जिंदल प्लाईवुड फैक्ट्री और अन्य आरा मिलों में जांच की गई। यहां कार्यरत 208 मजदूरों में से 88 के फिंगरप्रिंट लिए गए। पूरे अभियान के दौरान तीनों अनुविभागों में कुल 474 लोगों की जांच हुई, जिनमें से 103 संदिग्धों के फिंगरप्रिंट लेकर उनकी जांच प्रक्रिया शुरू की गई है। यह अभियान संबंधित अनुविभागीय अधिकारियों के नेतृत्व में स्थानीय थाना प्रभारी और पुलिस लाइन से आए बल की ओर से चलाया गया। पुलिस का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।

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